कोरोना से ग्रस्त डॉक्टर प्रभात कुमार का आज असामयिक निधन हो गया। कोरोना से जंग में आखिरकार अनगिनत दिलों की धड़कन बन चुके डॉक्टर प्रभात के दिल की धड़कन बंद हो गई। पटना के नाला रोड स्थित मगध मेडिको हॉस्पिटल में सेवारत डॉक्टर प्रभात को कुछ दिन पहले कोरोना हो गया था।
फेफड़ों में जब सुधार नहीं हुआ तो वे हैदराबाद चले गए। सूत्रों ने बताया कि उनके फेंफड़े का ऑपरेशन भी किया गया था परंतु हालात बिगड़ते गए। अंतत: आज उन्होंने अन्तिम सांस ले ली। बिहार के सिवान जिले में थाना बसंतपुर के बड़कागांव निवासी डॉक्टर प्रभात मृदुभाषी, हंसमुख और बहुत मिलनसार थे। 1997 में पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने ने डीएम कार्डियोलॉजिस्ट की उपाधि ली और दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल ज्वाइन किया।
इस दौरान बिहार के अनगिनत रोगियों की समस्या को देख कर बिहारी प्रेम जाग गया। सर्वप्रथम डॉक्टर प्रभात ने बिहार में अपनी सेवा डॉक्टर ए. के ठाकुर द्वारा संचालित हार्ट हॉस्पिटल (चंद्रालय) से प्रारंभ की और बिहार में एंजियोप्लास्टी की सुविधा देने वाले पहले कार्डियोलॉजिस्ट थे। बाद में वे राजेंद्रनगर स्थित मगध मेडिको हॉस्पिटल से जुड़ गए। समाज सेवा में भी वे आगे रहे और गरीबों का निशुल्क इलाज किया करते थे।
मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने भी प्रख्यात हृदय रोग चिकित्सक प्रभात कुमार के निधन पर गहरा अफसोस व्यक्त किया है और इसे चिकित्सा जगत में राज्य के लिए अपूरणीय क्षति बताया है। उनके निधन पर उनके साथ साथ काम कर चुके आईजीआईसी, पीएमसीएच के सेवानिवृत मशहूर ह्रदय सर्जन डॉक्टर एच एन प्रसाद, आई एम ए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर सहजानंद प्रसाद सिंह इत्यादि ने इसे व्यक्तिगत क्षति और प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति बताया और गहरी संवेदना प्रकट की।