केंद्रीय रिजर्व बैंक की MPC की बैठक हुई, मुद्रास्फीति पर केन्द्र को रिपोर्ट भेजेगा RBI

केंद्रीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की गुरुवार को बैठक हुई। यह बैठक मुद्रास्फीति पर सरकार को जवाब देने के लिए तैयार की गई रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए की गई है। पिछली तीन तिमाहियों में लगातार महंगाई के आंकड़े आरबीआई के टारगेट से ऊपर रहे हैं। इसी के चलते यह off-cycle (अनशैड्यूल) मीटिंग बुलाई गई है। इसलिए इस बैठक से आम आदमी का घबराने की जरूरत नहीं है।

आरबीआइ ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन नवंबर 2022 को अलग से बैठक हुई जिसमें उस रिपोर्ट पर चर्चा हुई जो केंद्रीय बैंक आरबीआइ अधिनियम, 1934 की धारा 45 जेडएन, आरबीआइ एमपीसी के नियम 7और मौद्रिक नीति प्रक्रिया नियमन, 2016 के प्रावधानों के तहत सरकार को भेजेगा आरबीआइ अधिनियम की इस धारा में प्रावधान है कि मुद्रास्फीति को सरकार की तरफ से तय सीमा के भीतर रख पाने में नाकाम रहने पर केंद्रीय बैंक को इसके बारे में सरकार को रिपोर्ट देनी होती है ।

महंगाई पर RBI की नजर

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मीटिंग से पहले कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति की दर को 4 फीसदी के स्तर पर लाने की कोशिश कर रही है।

इस से पहले आरबीआई गवर्नर ने बुधवार को एक बैंकिंग एन्क्लेव में कहा कि RBI इंफ्लेशन पर उसी तरह नजर रख रहा है, जैसे महाभारत में अर्जुन ने एक घूमने वाली मछली की आंख में तीर मारने के लिए ध्यान केंद्रित करते हुए रखी थी।” दाश ने कहा ‘हम मंहगाई को काबू में करने के लिए अर्जुन की तरह आखें खोलकर सतर्क हैं, और लगातार इसको लेकर प्रयास भी कर रहे हैं।’

छह वर्ष पूर्व हुआ था मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) का गठन

छह साल पहले मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का गठन होने के बाद पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लगातार नौ महीनों तक मुद्रास्फीति को निर्धारित दायरे में नहीं रख पाने पर एक रिपोर्ट तैयार कर एक महीने में सरकार को सौंपेगा।

बता दें कि लगातार वर्ष 2016 में मौद्रिक नीति निर्धारण के एक व्यवस्थित ढांचे के रूप में एमपीसी का गठन किया गया था। उसके बाद से एमपीसी ही नीतिगत ब्याज दरों के बारे में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई बनी हुई है। एमपीसी ढांचे के तहत सरकार ने 31 मार्च, 2021 को जारी एक अधिसूचना में कहा था कि मार्च, 2026 तक आरबीआई को मुद्रास्फीति दर को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखना है।

RBI MPC Meet: कब होगी अगली मीटिंग?

हर दो महीने पर होने वाली एमपीसी की तीन दिनों की बैठक अब दिसंबर में होनी है। 5 से 7 दिसंबर 2022 तक एमपीसी की बैठक चलेगी, जिसके बाद 7 दिसंबर को ही गवर्नर रिव्यू पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिपोर्ट करेंगे।

RBI की मॉनेटरी पॉलिसी के मेंबर कौन हैं?

एमपीसी में छह सदस्य होते हैं, जिसके अध्यक्ष खुद गवर्नर होते हैं, यानि कि अभी शक्तिकांत दास हैं। उनके नीचे आरबीआई से दो अधिकारी आरबीआई डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा और आरबीआई डायरेक्टर राजीव रंजन हैं। इसके अलावा, मौजूदा कमिटी में नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च के सीनियर एडवाइजर शशांक भिडे, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च की एमेरिटस प्रोफेसर आशिमा गोयल, IIM-अहमदाबाद के प्रोफेसर जयंत आर वर्मा हैं।

रेपो रेट को बढ़ाने को लेकर क्या बोले गवर्नर

गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को FIBAC 2022 इवेंट में पहले रेपो रेट न बढ़ाने के फैसले पर कहा कि “दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारत बहुत अच्छी स्थिति में है। अगर पहले ही दरें बढ़ाते तो शायद आज इकॉनोमी इतनी बेहतर स्थिति में न होती। आज मंहगाई को लेकर चर्चा है लेकिन हम रिकवरी को सपोर्ट नहीं कर पाते।” उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध की वजह से जो मंहगाई की दिक्कतें बढ़ीं उसे भी समझा जाना चाहिए। यूक्रेन युद्ध सबके लिए बड़ा झटका था। अगर हम पहले से ही दरें बढ़ा देते तो देश को काफी कीमत चुकानी पड़ती। हमें उमीद है कि आगे मंहगाई दर में कमी दिखेगी।

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