बीईपीसी एवं यूनिसेफ द्वारा बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2022-23 हेतु राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन
बीएसवीपी के तहत स्वच्छता मानकों के अलावा स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षा एवं आपदा जोखिम न्यूनीकरण मानदंडों को भी सम्मिलित किया जाए: नफ़ीसा बिन्ते शफ़ीक़
पटना,बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार का उद्देश्य महज़ विद्यालयों के वॉश (जल, स्वच्छता एवं साफ़सफ़ाई) मानकों में सुधार करना भर ही नहीं है, बल्कि इसके ज़रिए हर विद्यालय का एक समग्र आकलन करना है। इसके तहत बैगलेस शनिवार, मीना मंच, बाल संसद समेत अन्य गतिविधियों का नियमित एवं सक्रिय संचालन शामिल है। इस पुरस्कार से पेयजल एवं स्वच्छता को लेकर स्कूलों में परस्पर प्रतियोगिता की भावना को बल मिलने के साथ-साथ बच्चों और शिक्षकों में जागरूकता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। इस प्रक्रिया में विद्यालय शिक्षा समिति और विद्यालय प्रबंधन समिति की सहभागिता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए ताकि अच्छे परिणाम मिल सकें।
उक्त बातें शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव, दीपक कुमार सिंह ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद् एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में ‘बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2022-23’ के संदर्भ में आयोजित राज्य स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यशाला में कहीं।
इस एक दिवसीय कार्यशाला में राज्य के प्रत्येक जिले से तीन प्रतिनिधि – डीपीओ (जिला कार्यक्रम पदाधिकारी), एई (सहायक अभियंता) और एमआईएस समन्वयक शामिल हुए जिन्हें तकनीकी सत्रों के माध्यम से पुरस्कार के संशोधित संकेतकों और समग्र प्रक्रिया के बारे में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। संबंधित जिले के अधिकारियों के साथ प्रत्येक जिले से लाइव अपडेट और प्रगति को साझा किया गया। इन प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा जिला और प्रखंड स्तर पर वाश नोडल शिक्षकों एवं संबद्ध विभागीय कर्मियों को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि सभी स्कूल ससमय स्वनामांकन कर इसमें भाग ले सकें।
कार्यक्रम के दौरान दीपक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग, असंगबा चुबा आओ, राज्य परियोजना निदेशक, बीईपीसी, नफ़ीसा बिन्ते शफ़ीक़, राज्य प्रमुख, यूनिसेफ बिहार, सतीश चंद्र झा, निदेशक,मिड डे मील, मनोज कुमार, निदेशक, सेकेंडरी एजुकेशन, शिक्षा विभाग, रवि प्रकाश, निदेशक, प्राइमरी एजुकेशन, रवि शंकर सिंह, अतिरिक्त परियोजना निदेशक, बीईपीसी, भोला प्रसाद सिंह, सिविल वर्क्स मैनेजर, बीईपीसी, प्रभाकर सिन्हा, वॉश (WASH) विशेषज्ञ, सुधाकर रेड्डी, वॉश अधिकारी, यूनिसेफ बिहार, राणा सिंह, निदेशक, चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान, पटना समेत बीईपीसी और यूनिसेफ के अधिकारी उपस्थित रहे।
बीईपीसी के राज्य परियोजना निदेशक असंगबा चुबा आओ ने कहा कि स्वनामांकन के समय डेटा एंट्री के दौरान बहुत सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि आगे की प्रक्रिया सुगमता से पूरी की जा सके। इसके लिए विद्यालय स्तर पर डेटा भरने के लिए संबद्ध शिक्षकों को समुचित प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
यूनिसेफ बिहार की राज्य प्रमुख नफ़ीसा बिन्ते शफ़ीक़ ने स्कूलों में हाइजीन एजुकेशन की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि स्वच्छता पुरस्कार की इस पूरी प्रक्रिया से शिक्षकों का क्षमता निर्माण किया जा सकेगा। साथ ही, वयस्कों की तुलना में बच्चे स्वच्छता संबंधी आदतों को ज़्यादा जल्दी अपनाते हैं। इस कारण वे परिवार व समुदाय के स्तर पर व्यवहार परिवर्तन सुनिश्चित करने में एक प्रभावी चेंज एजेंट की भूमिका निभाने में सक्षम हैं। स्कूल एक ऐसी संस्था है जहां बच्चों के सर्वांगीण विकास संभव है। इसे देखते हुए आने वाले समय में बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के तहत वॉश मानदंडों के अलावा स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षा एवं आपदा जोखिम न्यूनीकरण मानदंडों को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए। लड़कियों तथा लड़कों के लिए पृथक शौचालय एवं साफ़-सफाई सुविधाओं की उपलब्धता हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
विदित हो कि इसी साल मई महीने में बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार का अंतिम चरण पूरा किया गया है जिसके तहत 26 स्कूलों को राज्य स्तर पर सम्मानित किया गया। इस साल शिक्षा दिवस (11 नवंबर) के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2022-23 मार्गदर्शिका एवं वेब पोर्टल को लॉन्च किया गया है। इस साल पुरस्कार मानकों में थोड़ा-बहुत बदलाव करने के अलावा कुछ नए इंडिकेटर्स को भी जोड़ा गया है। इस बार राज्य स्तर पर कुल 33 स्कूलों को पुरस्कृत किया जाएगा जिनमें से 30 स्कूलों को सामान्य पुरस्कार श्रेणी व 3 स्कूलों को सामुदायिक सहभागिता मापदंड के आधार पर विशिष्ट पुरस्कार दिया जाएगा। साथ ही, हर ज़िले से 33 स्कूलों (30 सामान्य पुरस्कार श्रेणी एवं 3 सामुदायिक सहभागिता मापदंड पर आधारित) यानी कुल 1254 स्कूलों को पुरस्कार दिया जाएगा। 2021-22 में राज्य स्तर पर पुरस्कृत 26 विद्यालयों को ‘सस्टेनेबिलिटी अवार्ड श्रेणी’ के तहत पुरस्कृत किया जाएगा। तकनीकी सहयोग देने के अलावा बिहार स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2022-23 की प्रविष्टियों का स्वतंत्र भौतिक सत्यापन चन्द्रगुप्त प्रबंध संस्थान द्वारा किया जाएगा।
यूनिसेफ बिहार के वॉश विशेषज्ञ, प्रभाकर सिन्हा एवं वॉश अधिकारी, सुधाकर रेड्डी ने तकनीकी सत्र के दौरान स्कूलों में जल, स्वच्छता एवं साफसफाई की महता एवं बिहार विद्यालय स्वच्छता पुरस्कार के बारे में विस्तार से चर्चा की। साथ ही, बीएसवीपी इंडीकेटर्स, वेब पोर्टल के ज़रिए स्वनामांकन प्रक्रिया और मोबाइल ऐप्लिकेशन के बारे में भी जानकारी दी गई।
बीईपीसी के सिविल वर्क्स मैनेजर भोला प्रसाद सिंह ने मॉनिटरिंग प्रक्रिया के बारे बताया एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।