पटना। राजद के प्रदेश प्रवक्ता चित्तरंजन गगन सहित अन्य नेताओं ने जदयू और भाजपा नेताओं से कहा है कि वे वरिष्ठ समाजवादी नेता और राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा अपने परिनिर्वाण के पूर्व पत्र के माध्यम से की गई माँगों को पूरा कर उनके पुण्यात्मा के साथ किये गए अक्षम्य अपराध का प्रायश्चित करे। राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि जदयू और भाजपा ने रघुवंश बाबू के पुण्यात्मा के साथ इतना बड़ा निकृष्ट अपराध किया है जिसे कोई भी सभ्य और शिष्ट समाज माफ नहीं कर सकता। रघुवंश बाबू द्वारा राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम से लिखा गया जो पत्र लालू जी और उनके बीच के आत्मीय सम्बन्ध का भावनात्मक अभिव्यक्ति है उस पत्र को हीं इन जालसाजों द्वारा राजद से उनके इस्तीफे के रूप में दुष्प्रचारित किया गया।
राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि रघुवंश बाबू को जब यह आभास हो गया कि वे अब मृत्यु के काफ ी निकट हैं तो उन्होंने लालू जी को लिखा कि कर्पूरी जी के निधन के बाद 32 वर्षों तक आपके पीठ पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। उनका और लालू जी का साथ हमेशा हमेशा के लिए छूट रहा है। उन्होंने पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और आमजनों द्वारा दिये गये स्नेह का स्मरण कर सदा के लिए रुखसत होते हुए उनसे क्षमा मांगी है। यदि यह पत्र इस्तीफ ा रहता तो इसमें आमजन का उल्लेख क्यों किया जाता।
इसकी प्रमाणिकता इससे और भी स्पष्ट हो जाती है कि जिस दिन उन्होंने सादे पन्ने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष को सम्बोधित पत्र लिखा था उसी दिन यानी 10 सितम्बर 2020 को हीं उन्होंने मुख्यमंत्री जी को सम्बोधित करते हुए तीन पत्र और एक पत्र सिंचाई मंत्री को सम्बोधित करते हुए लिखा था। 10 सितम्बर को हीं रघुवंश बाबू वेन्टीलेटर पर चले गए और दो दिन बाद यानी 13 सितम्बर को उनका निधन हो गया। मुख्यमंत्री को लिखे पहले पत्र में उन्होंने माँग की है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को वैशाली गढ पर सरकारी आयोजन किया जाये और महामहिम राज्यपाल महोदय अथवा मुख्यमंत्री द्वारा झंडोतोलन किया जाये जैसे एकीकृत बिहार में पटना और राँची में झंडोतोलन की परम्परा थी।
राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि उनके निधन के बाद मुख्यमंत्री जी द्वारा घोषणा की गई थी कि रघुवंश बाबू द्वारा की गई माँगों को पुरा करने हेतु राज्य सरकार शीघ्र पहल करेगी। प्रधानमंत्री जी द्वारा भी कहा गया कि रघुवंश बाबू की माँगों को पूरा करने के लिए केन्द्र की सरकार राज्य सरकार को हर प्रकार की मदद करने के लिए तैयार है। एक साल हो गये अबतक उनकी एक भी माँग को पूरा नहीं किया गया है। राजद प्रवक्ताओं ने कहा कि जिन तत्वों के खिलाफ रघुवंश बाबू आजीवन लड़ते रहे। जीते जी तो वे तत्व उनका सामना नहीं कर सके पर उनके अचेत होने के बाद उन्हीं तत्वों ने सुनियोजित साजिश के तहत एक काल्पनिक कथानक के आधार पर उनके पुण्यात्मा के साथ अक्षम्य अपराध किया है।
श्वेता / पटना