प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने आज राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सभी लाभार्थियों को मई और जून माह के लिए अतिरिक्त अनाज के आवंटन की मंजूरी दे दी। केंद्र ने पिछले महीने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तीसरे चरण के तहत दो महीने की अवधि के लिए अतिरिक्त अनाज के आवंटन की घोषणा की थी। मंत्रिमंडल ने आज इस फैसले को स्वीकृति दे दी। इसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिमाह पांच किलो चावल या गेहूं दिया जाएगा।
26 हजार करोड़ रुपए का आएगा खर्च
केंद्र की इस घोषणा से प्रत्येक व्यक्ति के लिए समुचित पोषाहार सुनिश्चित होगा। इस पर केंद्र सरकार को करीब 26 हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे, जिसमें चावल के लिए 36,789.2 रुपये प्रति मीट्रिक टन और गेहूं के लिए 25,731.4 रुपये प्रति मीट्रिक टन की अनुमानित आर्थिक लागत शामिल है। वहीं कुल खाद्यान्न आवंटन लगभग 80 लाख मीट्रिक टन हो सकता है।
कोरोना से आ रहे आर्थिक गतिरोध के वक्त में मिलेगी मदद
इसके अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आने वाले लगभग 79 करोड़ 88 लाख लाभार्थियों (अन्त्योदय अन्न योजना (एएवाई) और प्राथमिकता वाले घर (पीएचएच) और सीधे लाभ अंतरण (डीबीटी) वाले लाभार्थी भी शामिल हैं, जिन्हें प्रतिमाह 5 किलोग्राम खाद्यान्न प्रति व्यक्ति निःशुल्क दिया जाता है I
इस अतिरिक्त आवंटन से कोरोना वायरस के कारण पैदा हुए आर्थिक गतिरोध से गरीबों के सामने जीवन यापन में आई कठिनाइयों को कुछ कम किया जा सकेगा। आने वाले दो महीनों में किसी भी गरीब परिवार को खाद्यान्न की अनुपलब्धता के कारण संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
पिछले साल अप्रैल में लागू हुई थी पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना
बता दें, पिछले साल लॉकडाउन के समय भी इस योजना को अप्रैल 2020 से जून 2020 के लिए आरंभ किया गया था। तब प्रति सदस्य 5 किलो अनाज और एक परिवार को एक किलो दाल दिया जा रहा था। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को राशन कार्ड पर मिलने वाले कोटे से अलग रखा गया था। जून के बाद इसे विस्तार कर नवंबर तक कर दिया गया था।