नयी दिल्ली, ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) कला संस्कृति प्रकोष्ठ ने स्वतंत्रता दिवस और आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर घर घर तिरंगा, हर घर तिरंगा का आयोजन किया।
स्वतंत्रता दिवस और आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर जीकेसी ने घर घर तिरंगा, हर घर तिरंगा का आयोजन किया। इस अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, स्वाधीनता आंदोलन में कायस्थ समाज ने आगे बढ़कर देश को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ राजेंद्र प्रसाद, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, चितरंजन दास, लाल बहादुर शास्त्री,रासबिहारी बोस, सूर्यसेन ने देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया। खुदीराम बोस, बटुकेश्वर दत्त, जगतपति कुमार, कनकलता बरुआ समेत अनेक कायस्थ क्रांतिकारियों ने अल्पायु में ही स्वाधीनता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। संविधान निर्माण से लेकर आधुनिक भारत के नवनिर्माण में हमारे महापुरुषों का योगदान अविस्मरणीय है।
जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा,तिरंगा हर भारतीय के स्वाभिमान का प्रतीक है। 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजी हुकूमत से हिंदुस्तान को आजादी मिली थी. लेकिन इसके लिए कई स्वतंत्रता सैनानियों को अपनी जान की कुर्बान देनी पड़ी थी। हमारे देश की सेना के कई जवानों ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. ऐसे तमाम शहीदों का बलिदान हमारा देश कभी भुला नहीं सकता है।
घर घर तिरंगा, हर घर तिरंगा का आयोजन की परिकल्पना और संचालन जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय महासचिव पवन सक्सेना और कला संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव शिवानी गौड़ ने की। कार्यक्रम का संचालन पवन सक्सेना, रश्मि सिन्हा और शिवानी गौड़ ने किया।
इस अवसर पर डा. सरिता श्रीवास्तव, गीता कुमारी, मनीष श्रीवास्तव और कुलदीप श्रीवास्तव ने काव्य पाठ किया ,जबकि शालिनी बैरागी, मृणालिनी अखौरी, सुभाषिणी स्वरूप और प्रीति लाल ने देशभक्ति की भावना से प्रेरित गीत गाया,वहीं आलोक अविरल, राकेश श्रीवास्तव, सौमिका श्रीवास्तव ने विचार व्यक्त किये।”
इस अवसर पर जीकेसी के ग्लोबल महासचिव अनुराग सक्सेना, ग्लोबल वरिष्ठ उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव, मीडिया-कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, कला-संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय कार्यवाहक अध्यक्ष श्रुति सिन्हा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री शुभ्रांशु श्रीवास्तव, आईटी-डिजिटल सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किये।