दरभंगा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के रण में रजनीकांत पाठक का नामांकन 1अक्टूबर को होने जा रहा है। श्री पाठक को मिथिला स्टूडेंट्स युनियन सहित कई अन्य सामाजिक संगठनों का भरपूर साथ मिला है।कल होने वाले नामांकन को लेकर दरभंगा,मधुबनी,समस्तीपुर और बेगुसराय शिक्षित अभिभावक,शिक्षक,स्नातक में उत्साह है।
कोरोना और लाँकडाउन काल में जहां पुरी दुनिया अपने अपने घरों में कैद थी उस समय रजनीकांत पाठक समाज के निचले तबके के बीच राशन पानी लेकर मौजूद रहते थे।बाढ़ के वक्त भी वे बाढ पीड़ीतों के बीच डटकर खड़े रहे।
पूरी तैयारी के साथ इस बार दरभंगा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी तैयारी में जुटे रजनीकांत पाठक को मिथिला स्टूडेंट यूनियन समेत कई बड़े सामाजिक संगठनों का भी सहयोग मिला है। युवाओं में इनकी लोकप्रियता अच्छी खासी है साथ ही साथ सघन जनसंपर्क अभियान के तहत इन्होंने समस्तीपुर, बेगूसराय, दरभंगा और मधुबनी के वोटरों के बीच अपनी पहचान बनाई है।
बिहार के बेगूसराय जिले के बखरी के रहने वाले रजनीकांत पाठक की पहचान मिथिलांचल में एक लोकप्रिय समाजसेवी के रूप में है।
रजनीकांत पाठक सामाजिक रूप से वृहत स्तर पर कार्य किए हैं। मिथिला मैथिली के प्रति उनके समर्पण, विजन और तत्परता से क्षेत्र में एक अलग छवि रखने वाले रजनीकांत पाठक क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं की गहरी समझ रखते हैं। हाल में “मिथिला मखाना” जीआई टैग के लिए उनके शानदार प्रयास ने भी साबित किया है की स्पष्ट संघर्ष के सोच वाले इस सर्वप्रिय व्यक्ति को विधानपरिषद पहुंचना ही चाहिए।
रजनीकांत पाठक ने समाजवादी आंदोलन के प्रणेता स्वर्गीय दिनेश पाठक जी के इस पुत्र ने दिल्ली के फैक्ट्रियों में मजदूरी तक की। स्वच्छ और जुझारू छवि के रजनीकांत पाठक लोगों से सीधा सम्पर्क कर दलीय राजनीति से दूर रहकर बल्कि हर घर हर दरवाजे पर दस्तक देकर लोगों को इस बात का भी अहसास करा रहे हैं कि जनतंत्र में जनता ही मालिक है और स्नातक मतदाताओं को उनके अधिकारों के बारे में बता रहे हैं कि वे केवल वोट बैंक नहीं जो केवल चुनाव के समय याद किए जाएं बल्कि आपके द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों को आपके हक के लिए सदन के अंदर और बाहर भी लड़ाई लड़नी होती है।