नई दिल्ली. दिल्ली में कोविड-19 महामारी (Covid-19 Epidemic In Delhi) के चलते नदियों के किनारे छठ पूजा (Chhath Puja) करने पर डीडीएमए द्वारा लगाई गई रोक की वजह से पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने कई श्रद्धालुओं और व्रतियों को यमुना किनारे जाने से रोक (Yamuna Bank) दिया. साथ ही पहले से जुटे लोगों को वहां से वापस भेज दिया. दिल्ली में कालिंदी कुंज (Kalindi Kunj) के पास यमुना घाट पर बुधवार सुबह श्रद्धालुओं की भीड़ जमा थी जिन्हें पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तितर-बितर कर दिया और उन्हें निर्धारित स्थानों पर पूजा करने के लिए भेजा.
दिल्ली सरकार के दावे के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में छठ पूजा करने के लिए करीब 800 अस्थायी घाट विभिन्न स्थानों पर बनाए गए हैं. चार दिन तक चलने वाला छठ महापर्व मुख्यत: बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड से आकर यहां रह रहे लोग मनाते हैं जिन्हें ‘पूर्वांचली’ कहा जाता है. महापर्व के तीसरे दिन शाम को व्रती निर्जला रहकर डूबते सूर्य को ‘अर्घ्य’ देते हैं जबकि चौथे दिन उगते सूर्य को ‘अर्घ्य’ देने के साथ इस महापर्व का समापन होता है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूजा के निर्धारित स्थानों पर भीड़ के प्रबंधन के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है. सरकारी अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के निर्देशों का अनुपालन कराने के लिए दक्षिण पूर्वी दिल्ली में 100 टीमों की तैनाती की गई है. दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कालिंदी कुंज पुलिस थाने और अन्य थानों से पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती यमुना घाट पर की गई है.
साभार
साकेतिक तस्वीर