अराजपत्रित पुलिस पदाधिकारियों के प्रोन्नति को लेकर बिहार पुलिस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
बिहार पुलिस एसोसिएशन ने अराजपत्रित पुलिस पदाधिकारी के प्रोन्नति को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पत्र के माध्यम से अराजपत्रित पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मीयों के रिक्त पदों पर प्रोन्नति की मांग की है। इसको लेकर बिहार पुलिस एशोसिएशन के महामंत्री कपिलेश्वर पासवान ने मुख्यमंत्री को पत्र में लिखा है कि भारी संख्या में रिक्तियों के बावजूद लंबे अरसे से अराजपत्रित पुलिस पदाधिकारियों का विभागीय प्रोन्नति लंबित है।
उन्होंने कहा कि इसी कारण अनेको पदाधिकारी बिना प्रोन्नति पाए ही सेवानिवृत हो जा रहे हैं। इतने सालों बाद भी पुलिस पदाधिकारियों को विभागीय प्रोन्नति नही मिलने के कारण अराजपत्रित पुलिस पदाधिकारियों में घोर निराशा एवं रोष व्याप्त है। जिसके कारण पुलिस पदाधिकारियों की कार्यक्षमता एवं प्रशासनिक व्यवस्था पर विचार करते हुए रिक्त पदों पर अविलम्ब प्रोन्नति देने की मांग की है।
दो सालों से बिहार सरकार के पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों के पदोन्नति पर है रोक
विभागीय सूत्रों के मुताबिक विगत दो सालों से बिहार सरकार द्वारा बिहार सरकार के पुलिस पदाधिकारी एवं कर्मियों के पदोन्नति पर रोक लगा दी गई है। विदित हो कि हर विभाग में काफी संख्या में पदोन्नति हेतु रिक्तियाँ हो गई है। विगत दो वर्षों में काफी संख्या में पदाधिकारी एवं कर्मी जो पदोन्नति पाने की अर्हता रखते थे। काफी संख्या में सेवानिवृत्त भी हो गए हैं तथा बहुत सारे सेवानिवृति के मुहाने पर है और जो अर्हता रखते हैं। ऐसे में पदाधिकारी एवं कर्मी काफी सदमे से गुजर रहे हैं।
लंबे अरसे से लंबित है प्रोन्नति, पुलिस पदाधिकारियों में रोष व्याप्त
ऐसे में जो पदाधिकारी तीन दशक से नौकरी कर चुके हैं, वे पदोन्नति लेकर अगर सेवानिवृत नही होते हैं या जो अर्हता रखते हैं, उनकी भी प्रोन्नति नहीं होती है, ऐसे पदाधिकारी ही आत्महत्या जैसे कायराना कदम उठाने को बाध्य हो जाते हैं। जिस कारण पदाधिकारी एवं कर्मियों में काफी क्षोभ एवं आक्रोश व्याप्त है। इसलिए बिहार सरकार को इस पर अविलंब पदोन्नति देने का निर्णय लेना चाहिए। ताकि ऐसे पदाधिकारी एवं कर्मी को कार्यक्षेत्र में अपने कर्तव्य धर्म का पालन करने में लगनशील रहे।
पुलिस विभाग में बहुत से ऐसे पदाधिकारी हैं जो आगामी छह माह के अंदर सेवा निवृत्त होने जा रहे हैं। इसलिए सरकार को इसमे ठोष कदम उठाते हुए पदाधिकारियों को पदोन्नति दे देना उचित होगा। पुनि से पुलिस उपाधीक्षक की पंक्ति में पदोन्नति हेतु करीब दो सौ से अधिक पद रिक्त हो गए है। जो पदाधिकारी अर्हता रखते हैं। उनको पदोन्नति नही देना न्यायसंगत नही है।
सूत्रों के मुताबिक कोरोना काल में भी कर्मियों को छुट्टी तभी मिलती है जब इनका रिपोर्ट पॉजिटिव आता है। ऐसे में ये इस काल में भी दहशत के साये में हैं।