#PMFBY: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से अब ‘अन्नदाता’ हो रहा ‘आत्मनिर्भर’

हमारे देश में कई ऐसी तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं, जो जरूरतमंद लोगों को काफी लाभ पहुंचा रही हैं। केवल इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने इन योजनाओं में आवेदन करने से लेकर इनका लाभ प्राप्त करने तक की प्रक्रिया भी काफी सरल बना दी है। बस लाभार्थी को इसके लिए कुछ दस्तावेजों की जरूरत होती है। ऐसी ही एक योजना है ”प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” जिससे देश के किसान का कल्याण हो रहा है। आज देश का अन्नदाता इस योजना का लाभ प्राप्त करने से ऐसे हालातों में भी भूखा नहीं मर रहा जब खेत में खड़ी उनकी फसल बर्बाद हो जाती है। जी हां, यह योजना आज किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। आइए जानते हैं कैसे…

क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ?

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जरिए किसान अपनी फसल को प्राकृतिक आपदा में खराब होने से बचा सकता है, क्योंकि ये एक बीमा योजना है। यानि किसान की फसल को कभी ओलावृष्टि, आंधी और कभी-कभी तो अन्ना पशु खा जाते हैं, जिसके कारण वह काफी नुकसान झेलता है। ऐसे में किसान को आर्थिक रूप से नुकसान न हो, इस बात को ध्यान में रखते हुए ही ”प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” को लाया गया। इस योजना के माध्यम से किसान कम से कम प्रीमियम देकर इसका लाभ उठा सकता है। इसके लिए आपको सबसे पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर जाना है। यहां आपको बीमा प्रीमियम गणना के नाम वाले विकल्प पर क्लिक करना है। इसके बाद आपसे आपकी फसल के बारे में कुछ जानकारी मांगी जाएगी। जैसे- फसल का समय क्या है, राज्य क्या है, योजना क्या है, जिला इत्यादि। आपको इन सभी जानकारी को यहां भर देना है। इसके बाद आपको सुरक्षित करने वाले विकल्प को चुनना है और अब आपके सामने आपकी प्रीमियम और क्लेम दोनों की राशि आ जाएगी।

पीएम मोदी के संकल्पित प्रयासों का फल

यह योजना पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के प्रयासों का ही फल है जिसका प्रमुख उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल के नुकसान से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। अब किसानों को इस योजना का लाभ प्रदान करने के लिए ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ जैसे डोर-टू-डोर वितरण अभियान भी शुरू कर दिए गए हैं। अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी किसान पीएमएफबीवाई के तहत अपनी नीतियों, भूमि अभिलेखों, दावे की प्रक्रिया और शिकायत निवारण के बारे में संपूर्ण जानकारी से अच्छी तरह अवगत हैं।

योजना के 6 साल पूरे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ”18 फरवरी, 2016” को मध्य प्रदेश के सीहोर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत की गई थी। घोषणा के 6 वर्ष पूरा होने के पश्चात, इस योजना ने आगामी खरीफ 2022 सीजन में अपने कार्यान्वयन के 7वें वर्ष में सफलतापूर्वक प्रवेश किया है।

1,07,059 करोड़ रुपए से अधिक के दावों का किया जा चुका भुगतान

प्राकृतिक आपदा में किसानों का जो नुकसान होता था जो दिक्कत होती थी उसे कम करने का केंद्र सरकार ने प्रयास किया है। इस संबंध में पिछले 6 साल में कंद्र सरकार से किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से मिलने वाला मुआवजा 1 लाख करोड़ रुपए (1,07,059 करोड़ रुपए) से भी ऊपर पहुंच गया है। देशभर के किसानों ने करीब 21 हजार करोड़ रुपए ही प्रीमियम के तौर पर दिए लेकिन उन्हें मुआवजे के तौर पर 1 लाख रुपए से ज्यादा के तौर पर मिले।

किसान कल्याण को समर्पित है ये योजना

साफ है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से अब फसलें हैं सुरक्षित हो रही हैं और देश का किसान खुशहाल हो रहा है। प्राकृतिक आपदा व फसल नुकसान की स्थिति में फसल बीमा का क्लेम सीधे खाते में मिलने से अन्नदाता अब ”आत्मनिर्भर” हो रहे हैं। वे इस बीमा का इस्तेमाल कर फिर से अपने पैरों पर उठ खड़े हो रहे हैं और दोबारा इस दिशा में प्रयत्न कर रहे हैं। पहले के समय में यदि किसानों को नुकसान होता था तो उनमें से बहुत सारे छोटे किसानों को अपना पेशा तक बदलना पड़ता था।

36 करोड़ से अधिक किसान आवेदकों का बीमा किया गया

”प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” के तहत 36 करोड़ से अधिक किसानों का बीमा किया गया है। 4 फरवरी, 2022 तक इस योजना के तहत 1,07,059 करोड़ रुपए से अधिक के दावों का भुगतान किया जा चुका है।

योजना में नामांकित 85 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत किसान

बताना चाहेंगे कि यह योजना सबसे कमजोर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में सक्षम रही है। दरअसल, इस योजना में नामांकित करीब 85% छोटे किसान और सीमांत किसान हैं। 2022-23 के बजट भाषण के दौरान फसल बीमा के लिए ड्रोन के इस्तेमाल के बारे में हाल की घोषणा से धरातल पर योजना के सुचारू कार्यान्वयन के लिए प्रौद्योगिकी का एकीकरण और भी अधिक मजबूत होगा। इस कड़ी में पहल भी की जा चुकी है। दरअसल, हाल ही में देश में अलग-अलग राज्यों में पीएम मोदी ने दी 100 किसान ड्रोन की सौगात दी। इन ड्रोन का इस्तेमाल खेतों में कीटनाशक सामग्री का छिड़काव करने के लिए किया जाएगा।

मौसम से जुड़े जोखिम का डर खत्म

पिछले साल बारिश से किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा था। सैकड़ों एकड़ में लगी फसल जलमग्न होने के कारण तबाह गई थी। उस समय पर भी इस योजना के माध्यम से किसानों को काफी मदद मिली थी। और तो और केंद्र सरकार की योजना में बीमा की गई फसल की खराब मौसम के कारण बुआई या रोपाई न कर पाने पर भी बीमा मूल्य राशि का 25 फीसदी तक सीधे किसान के खाते में जमा करने का प्रावधान किया गया है। यानि अब अन्नदाताओं को मौसम से जुड़े जोखिम का डर नहीं सताएगा।

2022-23 के बजट में 15,500 करोड़ रुपए का आवंटन

गौरतलब हो, इस बार के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फसल बीमा के लिए 15,500 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। कुल मिलाकर इस बार के बजट में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का आवंटन अच्छा रहा है। इससे देश के किसानों को आर्थिक मदद तो मिलेगी ही साथ ही साथ कृषि क्षेत्र में नई शुरुआत की जा सकेगी। बताना चाहेंगे कि केंद्र सरकार की यह योजना इतनी पॉपुलर हो रही है कि हर साल योजना से 5 करोड़ से अधिक किसान जुड़ रहे हैं।

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