नागरिकता संशोधन विधेयक भाजपा के वोट बैंक का हथियार है – एजाज अहमद
पटना जन अधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एजाज अहमद ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक का दोनों सदनों से पास होना भारत के संविधान के धारा 14 का उल्लंघन है। इस बिल में मुसलमानों को दरकिनार करके धार्मिक भेदभाव की नीति अपनाई गई है जो भारत के मूल संविधान की अवधारणा का उल्लंघन है इस मामले पर केंद्र सरकार ने अपनी सिफ॔ अपनी जिद्द को पूरा करने का काम किया है ,और यह नासमझी भरा कदम है। इससे देश की अखंडता और एकता को खतरा उत्पन्न हो सकता क्योंकि धार्मिक आधार पर भेदभाव और प्रताड़ित करने का अधिकार एन आर सी बनेगा।
इन्होंने आगे कहा कि जब पड़ोसी देशों में प्रताड़ना की बात हो रही है तो भारत में धर्म विशेष को प्रताड़ित करने के लिए ऐसी चाल क्यों चली जा रही हैं जिससे एक धर्म के लोगों का भरोसा टूट जाए और इसके माध्यम से देश को कमजोर करने वाली ताकतो को बल मिले ।
एजाज ने आगे कहा कि देश में बेटियों को प्रताड़ित किया जा रहा है उनके ऊपर अत्याचार की घटनाएं हो रही हैं ,नौजवानों का रोजगार छीना जा रहा है शिक्षा व्यवस्था महंगी हो रही है ,गरीबों के निवाले पर आफत है ,लेकिन इस पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार कुछ नहीं सोच रही है और ना ही कोई ऐसा काम कर रही है जिससे महिलाओं, नौजवानों, छात्रों और समाज के अंतिम व्यक्ति को न्याय मिल सके। दरअसल नागरिकता संशोधन बिल देश के लोगों को भटकाव की दिशा में ले जाने और इसे वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने की भाजपा आर एस एस की चाल है ।जिसे देश की जागरूक एवं मूलनिवासी समझ रहे हैं और इसके खिलाफ एकजुट होकर जन आंदोलन खड़ा करेंगे जिससे समाज में नफरत फैलाने का भाजपा को मौका ही न मिल सके ।