देश की 4.37 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका स्थापित, कुपोषण के खिलाफ जंग में हथियार

बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण आहार में सुधार लाना और कुपोषण जैसी समस्याओं के हल के लिए पोषण अभियान की शुरुआत की गई। 8 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर शुरू की गई पोषण अभियान का उद्देश्य पौष्टिक तत्वों में परिवर्तन लाकर ऐसा इको-सिस्टम बनाना है जो स्वास्थ्य, वेलनेस और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रयास कर सके, प्रोत्साहन दे। इसी क्रम में अब देशभर की आंगनबाड़ी में पोषण वाटिकाएं स्थापित की जा रही हैं, जिससे की देश के हर तबके तक पोषण युक्त आहार की पहुंच संभव हो।

देशभर में स्थापित हो रही हैं पोषण वाटिकाएं

इसी क्रम में फलों, सब्जियों, औषधीय पौधों तथा जड़ी-बूटियों की सहज और रियायती पहुंच के लिए पूरे देश में पोषण वाटिकाएं (न्यूट्री गार्डेंस) स्थापित की जा रही हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय और आयुष मंत्रालय के सहयोग से चलाए गए कार्यक्रमों के अंतर्गत 4.37 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों ने पोषण वाटिकाओं की स्थापना की है। साथ ही अब तक 6 राज्यों के चयनित जिलों में औषधीय पौधे लगाए गए हैं।

क्या है पोषण वाटिका

पौष्टिक भोजन और औषधीय पौधों की आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आंगनबाड़ियों, स्कूलों और किचन गार्डन में हर्बल पौधे लगाए जाते हैं। पोषण वाटिका के तहत पोषण और जड़ी-बूटियों के वृक्षारोपण से बाहरी निर्भरता कम होगी और समुदाय पोषण के लिए आत्मनिर्भर बनेगा। परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त फलों और सब्जियों की निरंतर आपूर्ति के माध्यम से पोषक तत्व प्रदान करके आहार विविधता को बढ़ती है, जो कुपोषण से निपटने के लिए खाद्य सुरक्षा और विविधता प्रदान करने के लिए एक स्थायी मॉडल है। ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त जगह है और एक पोषक उद्यान / पोषण वाटिका स्थापित करना कहीं अधिक सरल है क्योंकि किसान परिवार कृषि में शामिल हैं।

पोषण माह 2022 के तहत कई कार्यक्रम

देश में सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में पोषण माह 2022 के अंतर्गत पूरे देश में बैकयार्ड पोल्ट्री /मत्स्यपालन इकाइयों के साथ रेट्रो फिटिंग पोषण वाटिकाओं पर 1.5 लाख कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। आंगनवाड़ी केंद्रों और आसपास पोषण वाटिकाओं के मॉडल को दोहराने हेतु पोषण माह के अंतर्गत अब तक पोषण वाटिकाओं के लिए लगभग 40 हजार भूमि को चिन्हित करने के लिए अभियान चल रहा है।

सही आहार प्रदान करने में पोषण वाटिकाएं और न्यूट्री गार्डेंस महत्वपूर्ण हैं, जो फलों, सब्जियों, औषधीय पौधे तथा जड़ बूटियों की सहज और किफायती पहुंच के लिए देश भर में स्थापित की जा रही हैं। उद्देश्य साफ है कि महिलाओं और बच्चों के लिए आसपास के आंगनबाड़ी केंद्र में स्थानीय फलों, सब्जियों तथा पौधों की ताजा और नियमित सप्लाई करना है।

पोषण वाटिकाएं स्थानीय फलों और सब्जियों के माध्यम से महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करके पोषाहार विविधता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। पोषण वाटिकाएं जमीन पर मिल-जुलकर काम करने का अच्छा उदाहरण हैं। यह स्थानीय रूप से उपलब्ध थोक उत्पाद को लाभ प्रदान करके के अतिरिक्त बाहरी निर्भरता पर कमी लाएंगी और पोषाहार संबंधी सुरक्षा के लिए समुदायों को आत्मनिर्भर बनाएंगी।

सही आहार उपलब्ध कराने के साथ-साथ बनेंगे आत्मनिर्भर

फलों सब्जियों औषधीय पौधों और जड़ी-बूटियों को लोगों तक किफायती दरों पर पहुंचाने के लिए देशभर में पोषण वाटिका बन रही है। आसपास के आंगनबाड़ी केंद्र में जब महिलाओं और बच्चों के लिए फल, सब्जी, पौधे की ताजा और रोजाना सप्लाई सुनिश्चित करती हैं। इस प्रकार थोक उत्पादकों को भी लाभ होता है और समुदाय स्वयं में आत्मनिर्भर बनते हैं।

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