नालंदा में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के घर लगा स्मार्ट प्रीपेड मीटर, जनप्रतिनिधियों में बढ़ी रुचि

नालंदा: केंद्रीय मंत्री (मत्सय पालन, पशुपालन एवं डेयरी) और जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह के निजी आवास पर गुरुवार को स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टॉल किया गया। यह स्मार्ट प्रीपेड मीटर उनके पैतृक निवास स्थान नालंदा जिला स्थित गिलानीचक गांव के घर पर इंस्टॉल किया गया। इनके अलावा साउथ बिहार के 100 से ज्यादा जनप्रतिनिधियों के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर इंस्टॉल किए जा चुके हैं। जिनमें सभी राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि शामिल हैं। खासकर जब से बिहार विद्युत विनियामक आयोग (बिईआरसी) द्वारा स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है, तब से सांसद, विधायक, मुखिया, वार्ड मेंबर समेत सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारी ही नहीं, आम उपभोक्ता भी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने के लिए आगे आ रहे हैं। पूरे बिहार में अबतक करीब 66 लाख स्मार्ट प्रीपेड लगाए जा चुके हैं।
आपको बता दें कि हाल ही में बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (बिएसपीएचसीएल) ने सभी जनप्रतिनिधियों के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने की मुहिस चलाई है। इसी मुहिम के तहत सभी जनप्रतिनिधियों के घरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाए रहे हैं।
बिजली दरों की बात करें तो इस साल के लिए बिईआरसी ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं की बिजली दरें 25 पैसे प्रति यूनिट सस्ती की है। वहीं ग्रामीण उपभोक्ताओं की बिजली दरें 54 पैसे प्रति यूनिट अतिरिक्त सस्ती की गई हैं। अर्थात ग्रामीण उपभोक्ता अपने घरों में यदि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाते हैं, तो उन्हें 79 पैसे प्रति युनिट सस्ती बिजली मिलेगी। यही नहीं, स्मार्ट मीटर उपभोक्ता यदि निर्धारित लोड से ज्यादा बिजली का उपयोग करते हैं तो उन्हें जुर्माना भी नहीं देना होगा।
इन सब के अलावा स्मार्ट मीटर के और भी कई लाभ हैं। जैसे कि यह निशुल्क लगाया जाता है। स्मार्ट मीटर में सटीक और सही बिलिंग होती है। आवश्यक रिचार्ज रखने पर बैंक दर से ज्यादा ब्याज मिलता है। स्मार्ट मीटर में छह माह तक ओवरलोड होने पर कोई पेनल्टी नहीं लगती है। स्मार्ट मीटर में कोई सिक्योरिटी फीस नहीं देनी पड़ती। सौर ऊर्जा लगाने के बाद ग्रिड से जोड़ने के लिए यह स्मार्ट मीटर सक्षम होता है। स्मार्ट मीटर, बिजली खपत का सारा हिसाब आपके मोबाइल पर दिखाता है। बिजली विभाग का कर्जदार होने से बचाता है स्मार्ट मीटर।

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