प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज शिक्षा पर्व के आरंभिक सम्मेलन के दौरान कई तकनीकों और पहल की शुरूआत की। उन्होंने दृश्य- श्रव्य बाधित लोगों के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा कोश और ऑडियो पुस्तक का विमोचन भी किया। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की स्कूल गुणवत्ता आश्वासन और आकलन रूपरेखा भी जारी की। उन्होंने निपुण भारत के लिए निष्ठा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा विद्यांजलि पोर्टल भी शुरू किए। यह पोर्टल शिक्षा क्षेत्र के स्वयंसेवकों, दानदाताओं और कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व -सीएसआर योगदान करने वालों की सुविधा बढाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज शुरू की गई विभिन्न तकनीकों और पहल से क्षेत्र का भविष्य उन्नत होगा। ऐसी ही एक पहल स्कूल गुणवत्ता आश्वासन और आकलन रूपरेखा से न केवल शिक्षा में प्रतिस्पर्धा बढेगी बल्कि यह विद्यार्थियों को भविष्य के लिए तैयार भी करेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि कोविड महामारी के मुश्किल समय में कार्य के लिए शिक्षकों की सराहना की। उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित सभी शिक्षकों को बधाई दी।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, डॉ. सुभाष सरकार और डॉ. राजकुमार रंजन सिंह भी उपस्थित थे।
साभार : NewsOnAir