पटना, कलमजीवी प्रकोष्ठ जदयू ‘‘स्व0 लाल बहादुर शास्त्री की जयंती और सम्मान समारोह’’ 02 अक्तूबर को मनायेगा। उक्त जानकारी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 प्रभात चंद्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में दी।
उन्होेंने लाल बहादुर शास्त्री जी के संबंध में बताया कि काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि प्राप्त, अपने मंत्रित्व काल में भीड़ पर पुलिस द्वारा लाठी चलाये जाने के जगह पानी का बौछार करने का प्रयोग, परिवहन विभाग में पहलीबार महिला संवाहकों (कण्डक्टर्स) की नियुक्ति करना, अप्रत्याशित रूप से हुए युद्ध में पाकिस्तान को करारी शिकस्त देना, देश को ’’जय जवान जय किसान’’ का नारा देना, उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिए (मरणोपरांत) भारत रत्न मिलना, प्रधानमंत्रित्व काल में देश का कुशल प्रतिनिधित्व करना उनकी महानता ही रही है।
प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 चंद्रा ने कहा कि देशहित के लिए शास्त्री जी ताशकंद जाकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर किया था। लेकिन देश के लिए बहुत ही दुखद घटना तब घटी जब समझौता हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी, 1966 की रात उनकी रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गयी।
उन्होंने कहा कि आज शास्त्री जी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। शास्त्री जी द्वारा किये गये कार्यों को देश आज भी याद कर उनके द्वारा किये गए कार्यों को कर रहा है। हमलोगों को उनके द्वारा दिखाये गये रास्तो पर चलना चाहिए और देश भक्ति के साथ काम करना चाहिए। इसके लिए उन्हें याद किया जाना जरूरी है ताकि आने वाले पीढ़ी शास्त्री जी के संबंध में जाने और उनके तरह देश प्रेम में अपने को भी ढाले।
डॉ0 चंद्रा ने बताया कि इन सभी घटनाओं को याद करते हुए, शास्त्री जी की जयंती तो कलमजीवी प्रकोष्ठ द्वारा मनाया जाता रहा है लेकिन इस वर्ष उक्त अवसर पर सम्मान समारोह भी आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस मौके पर कोरोना संक्रमण काल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले डाक्टर, पत्रकार, समाजसेवी को सम्मानित किया जाएगा । कार्यक्रम 02 अक्तूबर को बीआईए हॉल, पटना में होगी। कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष जदयू उमेश कुशवाहा सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित करने का अनुरोध किया जा रहा है, ताकि उनकी सहभागिता से कार्यक्रम को पूर्णतः सफल बनाया जा सके। संवाददाता सम्मेलन में कलमजीवी प्रकोष्ठ के पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे।