पटना , 3 दिसम्बर 2016
देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 132 वी जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा
द्वारा रविन्द्र भवन, पटना में जयंती सह सम्मान समारोह का आयोजन किया गया I समारोह
की अध्यक्षता इंस्टीच्यूशंश ऑफ इंजिनियर्स के पूर्व अध्यक्ष ई. जे. के. दत्ता एवं संचालन
कमलं नयन श्रीवास्तव ने की I
समारोह के अवसर पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के नवनियुक्त रास्ट्रीय
कार्यवाहक अध्यक्ष श्री राजीव रंजन प्रसाद का नागरिक अभिनंदन किया गया I
अपने उदबोधन में श्री राजीव रंजन प्रसाद ने कहा की राजनीति के साथ ही समाज के तमाम क्षेत्रों
में हमारे समाज के समृद्ध विरासत रही है I श्री प्रसाद ने कहा की राजनीति के क्षेत्र में समाज
की घटती भागीदारी काफी चिंता का विषय है I महासभा सभी राजनैतिक दलों का उचित
प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का दवाब बनाएगी I उक्त अवसर पर श्री प्रसाद ने डॉ. राजेंद्र
प्रसाद को भावभीनी श्रधांजलि दी तथा कहा कि आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि
आज के दिन ही समाज के दो अन्य विभूतियों सहीद खुदी राम बोस तथा कलि प्रसाद
कुलभास्कर की भी जयंती है I उन्होंने दोनों विभूतियों को भी श्रद्धा सुमन अर्पित किया I
समारोह की अवसर पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा द्वारा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों
में अपना उत्कृष्ट योगदान के लिए चार कलमजीवियों को सम्मानित किया गया I
चिकित्सा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए महावीर वात्सल्य संस्थान के निदेशक पद्मश्री
डॉ. एस. पी. श्रीवास्तव, विधि सेवा के क्षेत्र से बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष
सूरज नारायण प्रसाद सिन्हा, साहित्य सेवा के क्षेत्र से बिहार राज्य गीत के रचयिता
कविवर सत्यनारायण एवं प्राशासनिक सेवा के क्षेत्र से सेवानिवृत, आई.ए.एस. अधिकारी
श्याम जी सहाय को देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद सम्मान-2016 से शॉल, प्रतिक चिन्ह तथा
सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया I
जयंती समारोह के अवसर पर सभी सम्मानित वाक्ताओं ने कहा कि भारतीय संस्कृति के प्रतीक
पुरुष, भारतीय गणतंत्र के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद ऐसे युगपुरूष जो पद पाकर
महान नहीं हुए अपितु राष्ट्रपति का पद उन्हे पाकर गौरवान्वित हुआ है I राजेंद्र बाबू की
साधारणता भी असाधारणता थी I उक्त अवसर पर अनेक वक्ताओं ने अपने संस्मरणों के
माध्यम से उन्हें भावपूर्ण श्रधांजलि अर्पित की I
पद्मश्री डॉ. एस. पी. श्रीवास्तव ने निर्धन सह मेधावी छात्रों को छात्रवृति दिए जाने पर जोर
दिया और अगले वर्ष 2017 से प्रारंभ किये जाने हेतु कोष में अपने अंशदान देने की घोषणा
की I सूरज नारायण प्रसाद सिन्हा ने कहा कि दहेज़ की प्रथा के विरुद्ध व्यापक जनमत तैयार
किया जाना चाहिये I उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के 1925 में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा
के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के जौनपुर में संपन्न रास्ट्रीय
अधिवेशन में दहेज़ एवं आडंबर रहित विवाहों का बढ़ावा देने का संकल्प पारित
किया गया था एवं इसे महासभा के सदस्यो एवं पदाधिकारियों के लिए अनिवार्य
बनाया गया आज इसे कार्यान्वित किये जाने की आवश्यकता है I कविवर सत्यनारायण ने
राजेंद्र बाबु को भारतीय संस्कृति के चेतना एवं अध्यात्मिक प्रतिक पुरुष बताते हुए कहा
की वे राजनितिक संत थे I उन्होंने राजेंद्र बाबू से जुड़े हुए कई संस्मरण भी सुनाये I
उन्होंने राजीव रंजन प्रसाद को रास्ट्रीय जिम्मेवारी मिलने पर खुशी जाहिर की एवं राष्ट्र
कवि दिनकर के द्वारा जे.पी. के लिए लिखी गई कविता की पंक्तियां पढ़ी-“सेनापति करो
प्रयाण अभय/भावी इतिहास तुम्हारा है/ ये नखत अमा के बुझते है/सारा आकाश तुम्हारा
है I ”
श्याम जी सहाय ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी सामाजिक सारोकारों से कटती जा रही है
उन्हें समाज के मुख्यधारा से जुड़कर अपने भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी I आई.एम.ए के
पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सन्दर्भ में कई संस्मरण सुनाऐ I
अभाकाम की रास्ट्रीय जिम्मेवारी मिलने पर जयंती समारोह में राजीव रंजन प्रसाद को
पगड़ी पहनाकार एवं तलवार सौपकर नागरिक अभिनंदन किया गया I राकेश राज गुल्लू,
साकेत सिन्हा, आर्यन , जयंत कुमार, सौरभ जयपुरियार, सुजीत कुमार, सशांक शेखर सिन्हा,
अधिवक्ता संजय सिन्हा, अदि इनमे प्रमुख थे I
समारोह को युवा संभाग के रास्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव रंजन, व्यवसायिक प्रकोष के अध्यक्ष
राजेश कुमार डब्लू, प्रवक्ता अतुल आनंद सन्नु, ने भी संबोधित किया I
गोश्वामी समाज से नागेन्द्र गिरी, रास्ट्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मोर्चा की और से रास्ट्रीय
अध्यक्ष सबिहउद्दीन आहमद “सिफु” एवं रविन्द्र परिसद की ओर से प्रदीप्तो बैनर्जी, एवं
अखिलेश सिंह “धमार” ने भी राजीव रंजन प्रसाद का अभिनन्दन किया I
अतिथियों का स्वागत पटना जिला अध्यक्ष अनिल कुमार श्रीवास्तव तथा धन्यवाद् ज्ञापन
प्रदेश महासचिव दीपक कुमार अभिषेक ने किया I