यह ग्रस्तोदय खग्रास चंद्रग्रहण कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा, मंगलवार दिनांक ०८नवंबर २०२२ को भरणी नक्षत्र व मेष राशि में लगेगा तथा भारत में यह दिखाई देगा ।
विशेष:- जिन जातकों का जन्म भरणी नक्षत्र मेष राशि में हुवा हो वे इस ग्रहण का अवलोकन न करे।
भारतीय समयानुसार यह चंद्र ग्रहण अलग -अलग स्थानों के चंद्रोदय के अनुसार दिखाई देगा।
इस ग्रहण का सूतक काल प्रातः ०८:०० बजे से प्रारंभ होगा ग्रहण के सूतक काल में बालकों, वृद्धों और अस्वस्थ जनों को छोड़कर शेष को भोजन शयनादि निषेध है।
ग्रहण स्पर्श- शायं ०५:०९
ग्रहण मध्य- शायं ०५: १२
ग्रहण मोक्ष- शायं ०६:१९
ग्रहण के मोक्ष के बाद स्नान करके ही भोजन करना चाहिए।
।।ग्रहणकाल में खाद्यान्न विचार।।
पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी और फल ग्रहण काल में दूषित हो जाते हैं, उन्हें नहीं खाना चाहिए लेकिन तेल या घी में पका हुआ अन्न,घी, तेल ,दूध, दही, लस्सी, मक्खन, पनीर आदि में तिल या कुशा रख देने से यह ग्रहण काल में दूषित नहीं होते ।
सूखे खाद्य पदार्थों में तिल या कुशा डालने की जरूरत नहीं है “वारि- तक्रारनालादि तिल- दर्भैन दुष्यति”।
ग्रहण मोक्ष के बाद खाया जाने वाला भोजन परान्न न हो – “पश्चाद भुंज्यात्स्ववेश्मनि”।।
द्वादश राशियों पर सूक्ष्म विचार
मेष :- कष्टकर
वृषभ :- सामान्य
मिथुन :- लाभ
कर्क :- सुख
सिंह :- मान हानि
कन्या :- स्वल्प चिंता
तुला :- पीड़ा
वृश्चिक :- सुख
धनु :- तनाव
मकर :- कष्ट
कुंभ :- श्री प्राप्ति
मीन :- स्वल्प चिन्ता
यह अनुमानित फलित प्रेषित किया जा रहा है ऐसा ही होगा यह जीव के संचित, क्रियमाण, प्रारब्ध पर आधारित है।
।।जयतु राघवम्।।
आचार्य स्वामी विवेकानन्द जी
ज्योतिर्विद, वास्तुविद, व सरस श्री रामकथा, श्रीमद्भागवत कथा व्यास श्री धाम श्री अयोध्या जी
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