समस्तीपुर: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में पिछले छह महीने में जो लोगों के अंदर डर था इस महागठबंधन की सरकार को लेकर वो कहीं न कहीं चरितार्थ और बदत्तर होता दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों पहले ही समस्तीपुर में दारोगा की हत्या हो गई थी ये उसका उदाहरण है। हाल ही में जब हम लोगों ने जोड़ा था तो पता चला कि इस साल 18 मुखिया की हत्या हुई है और करीब करीब 7 चुने गए सरपंच मारे गए हैं। बाकी मारपीट डकैती, अपहरण जैसी आपराधिक घटनाओं का तो हिसाब ही नहीं है।
समस्तीपुर के पूसा में जन संवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में कुछ और चर्चा हो न हो लाॅ एंड ऑर्डर की चर्चा जरूर होती है। जब मैंने पदयात्रा शुरू की थी तब महागठबंधन की सरकार बनी थी। बिहार में उस समय लोग दबी जुबान से आशंका जाहिर कर रहे थे कि महागठबंधन की सरकार बनी है, तो शायद लाॅ एंड ऑर्डर बिगड़ जाए। इसको लेकर लोगों के अंदर डर भी था। पद यात्रा करके जब मैं फरवरी मार्च में सिवान पहुंचा तो उसके बाद रोजाना कोई न कोई आदमी मुझे लाॅ एंड ऑर्डर के बारे में बताता है।