बिहार में शनिवार को जहां तीसरे और अंतिम चरण के लिए मतदान होगा। वहीं राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को फिलहाल रांची जेल में ही रहना होगा। शुक्रवार को दुमका कोषागार से गबन के मामले में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, जिसे छुट्टी की वजह से टाल दिया गया है। अपनी चुनावी रैलियों में तेजस्वी यादव दावा कर रहे थे, जमानत के बाद 9 नवंबर को लालू यादव की रिहाई हो जाएगी। लेकिन कोर्ट से आज उन्हें बड़ा झटका लगा है। बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर अब आगामी 27 नवंबर तक टल गई है।
अदालत में शुक्रवार को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई के अधिवक्ता की ओर से समय की मांग की गई, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया है। सीबीआई अधिवक्ता की ओर से काफी आग्रह करने पर अदालत की ओर से उन्हें समय दे दिया गया, साथ ही 23 नवंबर तक काउंटर दे देने को कहा गया है, ताकि 27 नवंबर को मामले पर सुनवाई हो सके। आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार ने बताया कि सीबीआई की ओर से जानबूझ कर मामले को लटकाने के लिए समय की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद की जमानत अर्जी पर शीघ्र सुनवाई को लेकर 15 दिन पहले ही अदालत से आग्रह किया गया था और सीबीआई को भी नोटिस सर्व करा दिया गया था।
लालू प्रसाद इस मामले में 42 माह जेल में रह चुके हैं। ऐसे में आधी सजा काटने के आधार पर उन्हें जमानत मिल जाने की संभावना है। सजा की आधी अवधि काट लेने के आधार के अलावा लालू की ओर से उन्हें किडनी, हृदय रोग व शुगर सहित 16 प्रकार की बीमारियां होने का भी दावा किया गया था। बता दें कि चारा घोटाले के चार मामलों में यादव को सजा मिली है, जिनमें से चाईबासा के दो मामले व देवघर के मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है।