950 करोड़ रुपए के देश के बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े (डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए के गबन) केस में मंगलवार को फैसला आ गया।
सीबीआई की विशेष अदालत ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को दोषी करार दिया है। जैसे ही राजद सुप्रीमो के दोषी करार देने की सूचना बाहर आई पटना से लेकर रांची तक उनके समर्थकों में मायूसी छा गई है। कोर्ट परिसर राजद नेताओं से पटा है। पुलिस का पहरा सख्त कर दिया गया है।
आरके राणा, जगदीश शर्मा, ध्रुव भागत को भी सीबीआइ कोर्ट ने दोषी पाया है। वहीं इस मामले में 24 अभियुक्त बरी कर दिए गए हैं। इनमें राजेन्द्र पांडे, साकेत, दिनांनाथ सहाय, रामसेवक साहू, अईनुल हक, सनाउल हक, मो एकराम, मो हुसैन, शैरो निशा, कलसमनी कश्यप, बलदेव साहू, रंजीत सिन्हा, अनिल कुमार सिन्हा (सप्लायर), निर्मला प्रसाद, कुमारी अनिता प्रसाद, रामावतार शर्मा, चंचला सिंह, रमाशंकर सिन्हा, बसन्त, सुलिन श्रीवास्तव, हरीश खन्ना, मधु, डॉ कामेस्वर प्रसाद शामिल हैं।
लालू को अब तक करोड़ों रुपयों के चारा घोटाले से जुड़े पांच में से चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका था। पांचवें मामले में आज फैसला आया।
सुनवाई और फैसला सुनाए जाते समय लालू प्रसाद की सांसद बेटी मीसा भारती उनके साथ मौजूद रहीं। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी के आवास में हैं। लालू प्रसाद यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी पटना में ही हैं।
लालू प्रसाद को दोषी करार दिए जाने के बाद राजद नेता अब्दुल बारी सिद्धीकी ने कहा है इस फैसले से उन्हें बहुत अफसोस है। उन्होंने कहा कि पार्टी इस मामले में उपर की अदालत में जाएगी। मालूम हो कि साल 1996 में दर्ज हुए इस मामले में शुरुआत में 170 लोग आरोपी थे। इनमें से 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि सात आरोपियों को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया। दो आरोपियों ने कोर्ट का फैसला आने के पहले ही अपना अपराध स्वीकार कर लिया। 6 आरोपी आज तक फरार हैं।
इससे पहले चारा घोटाले के चार मामलों में लालू प्रसाद यादव को कुल मिलाकर साढ़े 27 साल की सजा हुई,जबकि एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी उन्हें भरना पड़ा। इन मामलों में सजा होने के चलते राजद सुप्रीमो को आधा दर्जन से भी ज्यादा बार जेल जाना पड़ा। यह मामला लगभग 23 साल पुराना है। दरअसल 1990 से 1995 के बीच झारखंड के डोरंडा स्थित ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी।
इस केस में अभियोजन पक्ष ने 7 अगस्त 2021 को अपनी तरफ से बहस पूरी कर ली थी। लालू के करीबी नेता जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत को तीन-तीन साल की सजा सुनाई गयी है।
फिलहाल कोर्ट ने लालू प्रसाद को सजा का ऐलान नहीं किया है। इन दिनों लालू यादव जमानत पर जेल से बाहर हैं। अगर लालू प्रसाद को भी तीन साल या उससे कम सजा मिलती है तो उन्हें कोर्ट से ही जमानत मिल जाएगी, नहीं तो उन्हें कस्टडी में लिया जाएगा।