पटना- विश्वभर में वायु प्रदूषण एक बहुत जटिल समस्या बना हुआ है. वायु प्रदूषण को समाप्त करने के लिए सभी देश ग्रीन ईंधन का उपयोग करने पर जोर दे रही है और भारत में ग्रीन इंधन बायोफ्यूल सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक का उपयोग हेतु केंद्र सरकार भी ज्यादा बढ़ावा दे रही है। देखा जाय तो पेट्रोल-डीजल के बढ़ते कीमतों के कारण आम जन के जेब पर बड़ा दबाव पडरहा है साथ ही वायु प्रदुषण की जो विभीषिका देशभर में पनपी है इस से इंसान को अनेक तरह की बीमारियों का सामना करना पर रहा है। ऐसे में लोग बायोफ्यूल, इलेक्ट्रिक अथवा सीएनजी इंधन को अपनाना चाहते हैं। ऐसे में नई तकनीक से निर्मित KBPL कंपनी ने ग्रीन फ्यूल के रूप में बायोडीजल का निर्माण कर बाजार में उतर चुके हैं। ये बायोफ्यूल अखाद्य तेलों से प्राप्त किया जाता है। सामान्य रूप से सामान्य डीजल की तुलना में ये बेहतर गुणवत्ता और कम लागत पर इसका उत्पादन किया जाता है जिससे ग्राहक के जेब पर दबाव न पड़े।
विश्व जैविक इंधन दिवस पर KBPL ने मनाया वार्षिकोत्सव
बता दें कि मंगलवार को पटना के होटल चाणक्या में विश्व जैविक इंधन दिवस के अवसर पर (KBPL) कंपनी ने ‘कृषय बायोफ्यूल’ का वार्षिकोत्सव मनाया जिसका उदघाटन उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने किया साथ हीं मुख्य अतिथि के रूप में बिहार सरकार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन, वन पर्यावरण एवं जलवायु मंत्री नीरज कुमार बबलू, ग्रामीण विकास मंत्री जयंत राज समारोह में उपस्थित रहे। आमंत्रित अतिथियों के स्वागत के लिए के .बी. पी. एल के प्रबंध निदेशक शिवशंकर बिक्रांत और कार्यक्रम के अध्यक्षता के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय भारत सरकार के निदेशक प्रो.(डॉ ) राम नरेश सिंह भी मौजूद रहे।
उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि आज के समय में जिस प्रकार से प्रदुषण का कहर बढ़ रहा है ऐसे में ‘कृषय बायोफ्यूल’ एक बेहतर समाधान है प्रदुषण कम करने के लिए। इस अवसर पर उप तारकिशोर प्रसाद ने नए पेट्रोल पंप के लिए बिहार के सात लोगों को अपने हाथों एल. ओ. आई (लाइसेंस) सौंपा। उन्होंने कहा की संस्थान के प्रबंध निदेशक शिवशंकर बिक्रांत ने बायो फ्यूल का प्रसार कर देश की इकोनोमी को मजबूत करने का बड़ा पहल किया है। जिसका हम सराहना करते हैं।
KBPL के प्रबंध निदेशक शिवशंकर विक्रांत ने कहा कि स्वदेशी अपनाने और वायु प्रदूषण को कम करने में अग्रणी रहने वाला कृषय बायोफ्यूल (KBPL) का बिहार में तीन बायो पंप सहरसा दरभंगा एवं समस्तीपुर में चालू हो चुका है और 87 नए पंप एनओसी की प्रक्रिया में है। जिसे शीघ्र ही क्रियान्वित करेंगे। झारखंड में भी 13 पंप एनओसी की प्रक्रिया में है। ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल से अगले 2 वर्षों में आयात बिल के एक लाख करोड़ रुपए की बचत होगी, वही देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
उन्होंने कहा कि ‘कृषय बायोफ्यूल’ को भारतीय बाजार में उतारने का एक मूल कारण ये है कि देश प्रदुषण मुक्त हो सके और ग्राहक को सस्ता और लंबा माइलेज देने वाला ‘कृषय बायोफ्यूल’ का भरपूर फायदा मिले जिससे ग्राहक का धन भी बचे और स्वास्थ्य भी… विक्रांत ने कहा कि बाज़ार में सामान्य क्रूड बायोडीजल अर्थात बिना डिस्टिल बायोडीजल मिलता है जिससे गाड़ियों में फ़िल्टर चोक होने की समस्या रहती है। डिस्टिल बायोडीजल पूर्णतया प्रोब्लम फ्री स्मूथ ग्रीन फ्यूल है।