जानें, क्या है प्रोन पॉश्चर, कोविड रोगियों के लिए यह क्यों है बेहद जरूरी

कोरोना वायरस से संक्रमित कुछ रोगियों में ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगता है। ऐसे में प्रोन पॉश्चर करना सहायक सिद्ध हो सकता है। यह प्रक्रिया किस तरह से की जा सकती है, आइए इसके बारे में जानते हैं विस्तार से…

शरीर में 5 से 10 % तक बढ़ाता है ऑक्सीजन की मात्रा

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के श्वसन रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत बताते हैं कि कोविड का वह मरीज, जिसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे जा रहा है तो ऐसी स्थिति में उसे प्रोन पॉश्चर में लेटने की आवश्यकता है। इससे शरीर में 5 से 10 प्रतिशत तक ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है।

ऐसे अपनाएं प्रोन पॉश्चर का तरीका

आगे जोड़ते हुए वे बताते हैं कि मुख्य विषय है कि जो मरीज पेट के बल लेटा है, वह आरामदायक महसूस कर रहा है या नहीं। ध्यान रखें कि मरीज के उल्टा लेटने के वक्त उसके चेहरे के नीचे कोई सख्त तकिया न रखें। ठीक इसी प्रकार एक नरम तकिया मरीज की कमर के नीचे और एक तकिया उसके पैरों के नीचे लगाना होगा।

कोविड रोगियों को प्रोन पॉश्चर से मिलेगा बड़ा आराम

इसके बाद आप पाएंगे कि मरीज के सीने की जगह और कमर का हिस्से पर कोई दबाव नहीं रहेगा और दोनों हिस्सों से खुले रूप से उसे सांस लेने में भी पहले से ज्यादा आसानी महसूस होगी। दरअसल, ऐसी मुद्रा में फेफड़े पूरी तरह से फूल पाते हैं और अपने अंदर पहले से ज्यादा ऑक्सीजन ले जाने का काम करने लगते हैं।

फेफड़े के बंद हिस्से भी करने लगते हैं काम

डॉ. सूर्यकांत कहते हैं, फेफड़े जब इस तरह से स्वतंत्र तरीके से काम करने लगते हैं तो फेफड़ों का वह हिस्सा जो ऑक्सीजन के आदान-प्रदान में पहले काम नहीं कर रहा था, वो भी काम करना शुरू कर देता है। इस तरह से शरीर में पांच से दस प्रतिशत ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है और हमारी चिंता दूर हो जाती है।

उल्टा लेटने पर दिक्कत हो तो अपनाएं ये उपाय

यदि मरीज को पेट के बल लेटने में दिक्कत होने लगती है तो दाएं और बाएं करवट भी लेट सकते हैं। इससे भी ऑक्सीजन बढ़ती है। केवल जब आप सीधे लेटते हैं तो ऑक्सीजन का प्रवाह थोड़ा कम हो जाता है। दरअसल, इस प्रक्रिया में मरीज कंफर्ट की पोजीशन बहुत जरूरी होती है तो ऐसे में इन बातों का खयाल जरूर रखें। यदि आप कोरोना रोगी हैं और आपके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होने लगा है तो ऐसे में प्रोन पॉश्चर का अभ्यास अवश्य करें, इससे आपको काफी सहायता मिलेगी।

इन बातों का भी जरूर रखें खयाल

-गर्भावस्था में प्रोन पॉश्चर बिलकुल न करें
-पेल्विक फ्रैक्चर वाले रोगी भी प्रोन पॉश्चर न करें
-प्रोन पॉश्चर करने का सही तरीका जानें
-प्रोन पॉश्चर सीखने के बाद ही उसे करें

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