Butterfly Yoga – तितली आसन कैसे करें और जानें क्या हैं इसके फायदे

तितली आसन दो शब्दों तितली और आसन से मिलकर बना है। इसका शाब्दिक अर्थ तितली की मुद्रा में बैठना है। इस योग की मुद्रा बद्धकोणासन के समान है। अतः इसे बद्धकोणासन भी समझ लिया जाता है, लेकिन बद्धकोणासन और तितली आसन में बहुत अंतर है। इस मुद्रा में तितली की भांति पैरों को ऊपर-नीचे हिलाते हैं। जबकि बद्धकोणासन में पैरों को जमीन पर रखना होता है।

तितली आसन बैठकर किया जाने वाला एक बेहतरीन योगासन हैं। इस आसन में पैर और घुटनों को मोड़ और पैरों को हाथों से कसकर पकड़कर, तितली के पंखों के समान हिलाना होता हैं। यह आसन पैरों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सहायक होता हैं। कुछ लोग तितली आसन को “बुद्धकोणासना” समझ बैठते हैं, लेकिन दोनों में थोड़ा बहुत अंतर हैं। बुद्धकोणासना में टांगों को हिलाया नहीं जाता हैं, बल्कि सिर को नीचे जमीन की ओर ले जाने की कोशिश की जाती हैं। तितली आसन की एक खासियत यह भी हैं, की यह एक सरल योगासन हैं और इसे महिलाएं, बच्चे, जवान और बूढ़े सभी उम्र के लोग कर सकते हैं। खासतौर पर यह महिलाओं के लिए एक बेहतरीन योगासन हैं। इसके अभ्यास से महिलाओं की कई आम समस्याएं दूर होती हैं। साथ ही यौन समस्याओं से जूझ रहे पुरषों के लिए भी तितली आसन लाभकारी हैं। इस योग को रोजाना करने से व्यक्ति दिनभर तरोताजा रह सकता है। ऐसा कहा जाता है कि इस योग को करने से शरीर की थकान दूर हो जाती है। साथ ही शरीर में स्फूर्ति का नवीन संचार होता है।

तितली आसन कैसे करें

इसके लिए सबसे पहले स्वच्छ वातावरण में योगा मैट या चटाई बिछा लें। अब सूर्य की ओर मुखकर आराम मुद्रा में बैठ जाएं। अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करें और अपनी कमर को एकदम सीधा रखें। अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करें और अपनी कमर को एकदम सीधा रखें। अपने दोनों घुटनो को मोड़ें और दोनों पैरों को अपने पेल्विक एरिया की ओर लेकर आएं। अपने दोनों हाथों की उँगलियों को आपस में मिलाकर अपने दोनों पैरों को कस के पकड़ लेऔर फिर आख बंदकर तितली की भांति अपने पैरों को हिलाएं। इस मुद्रा को कुछ मिनट के लिए करें। बस शरीर के साथ जबरदस्ती न करें। इस बीच आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए। आपको जांघों के अंदरूनी हिस्से के आस-पास खिचाव महसूस करना हैं। अंत में साँस छोड़ते हुए धीरे-धीरे इस आसन से बहार आए और आराम से बैठ जाएं। इस योग को रोजाना करने से कई प्रकार की शारीरिक परेशानियों से निजात मिलता है।

तितली आसन के फायदे

इस आसन के कई फायदे हैं। इससे पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। कूल्हों की अंदरूनी तनाव खत्म होता है। महिलाओं के लिए यह योग बहुत लाभकारी है। शरीर की थकान को दूर करता है। आंतों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होता है। इससे कूल्हों में लचीलापन भी आता है। बॉडी को शेप में लाने और जांघों की चर्बी कम करने में भी फायदेमंद हैं। जबकि सियाटिका से पीड़ित और घुटनों की समस्या से पीड़ित लोगों को तितली आसन नहीं करना चाहिए। इसे करने से पहले एक बार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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