बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्ट्रेस कंगना रनोट के बंगले पर की गई बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की कार्रवाई को गलत ठहराया और कंगना के पक्ष में फैसला दिया. कोर्ट ने शुक्रवार को अपने फैसले में यह कार्रवाई याचिकाकर्ता को कानूनी मदद लेने से रोकने की कोशिश थी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि इस बात के प्रमाण हैं कि स्ट्रक्चर पहले से मौजूद था. बीएमसी की कार्रवाई गलत इरादे से की गई थी. हम किसी भी नागरिक के खिलाफ ‘मसल पावर’ का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दे सकते.
अदालत ने अवैध निर्माण के खिलाफ जारी किए गए बीएमसी के नोटिस को भी खारिज कर दिया, साथ ही कंगना को सार्वजनिक बयानों में संयम बरतने की हिदायत दी है. कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर जस्टिस एसजे कैथावाला और आरआई छागला की बेंच ने फैसला सुनाया. कंगना को हुए नुकसान के आकलन के लिए मूल्यांकन कर्ता को नियुक्त करने की बात कही ताकि मुआवजा राशि निर्धारित की जा सके.
बीएमसी ने 9 सितंबर को कंगना के पाली हिल स्थित बंगले में बने ऑफिस के कई हिस्सों को अवैध बताते हुए तोड़ दिया था. कंगना ने आरोप लगाया था कि शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ उनकी ओर से दिए बयानों की वजह से बीएमसी ने यह कार्रवाई की है.
कंगना ने BMC से दो करोड़ रुपए हर्जाना मांगा है. इस पर हाईकोर्ट ने नुकसान का पता लगाने के लिए सर्वेयर नियुक्त किया है। उन्हें मार्च 2021 तक रिपोर्ट सौंपनी है.
हाईकोर्ट के फैसले के बाद कंगना ने सोशल मीडिया पर लिखा कि कोई व्यक्ति सरकार के खिलाफ खड़ा होता है और जीतता है तो यह जीत केवल उस व्यक्ति की नहीं होती, बल्कि पूरे लोकतंत्र की होती है. मेरा हौसला बढ़ाने के लिए हर व्यक्ति को धन्यवाद. हर उस व्यक्ति का भी शुक्रिया, जो मेरे सपनों के टूटने पर हंसे थे. यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि आप विलेन की तरह काम कर रहे थे और मैं हीरो बन गई.