शिक्षा के आभाव में सरकार की सारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं हम, कैप्टेन जय नारायण निषाद की जयंती समारोह में बोले मंत्री मदन सहनी

पटना से राजेश कुमार की रिपोर्ट

पटना के आर्य कुमार रोड में स्थित मछुआ टोली अखाड़ा परिषद में बिहार निषाद संघ के पटना महानगर शाखा द्वारा रघुनाथ महतो की अध्यक्षता में पूर्व सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री स्व कैप्टन जय नारायण निषाद की 89वीं जयंती समारोह बड़ी धूमधाम से मनाई गई। समारोह में उपस्थित निषाद भाई बहनों एवं गणमान्य लोगों ने उन्हें तेल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

समारोह में बिहार के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मदन सहनी ने कहा कि हमारे समाज में सरकारी पदाधिकारी के रूप में गिने चुने लोग मिलते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार सभी में सारी योजनाएं गरीबों के लिए ही बनते हैं पर शिक्षा के आभाव में हम इनसे वंचित रह जाते हैं।

 

संघ के महासचिव एवं मंच संचालक धीरेंद्र कुमार निषाद ने कैप्टन निषाद के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका सपना था कि निषाद को आबादी के अनुरूप राजनीतिक हक एवं भागीदारी मिलना चाहिए। इनके सपने को साकार करने के लिए सभी निषादों एकजुट होकर राजनीतिक हक एवं अधिकार के लिए संघर्ष करने की जरूरत है। उन्होंने पटना के किसी पार्क में इनका आदमकद प्रतिमा स्थापित करने एवं उस पार्क का नाम कैप्टन निषाद के नाम से करने की सरकार से मांग की।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरेंद्र प्रसाद ने कहा कि लंबे समय तक बिहार की राजनीति में सक्रिय रहे कैप्टन निषाद दलितों निषादों एवं अति पिछड़े वंचित लोगों के लिए मुखर आवाज थे। संघ के महासचिव राम आशीष चौधरी ने कहा कि यह मेहनत एवं संघर्ष के बूते राजनीतिक स्थापित कर 18 वर्षों तक हाजीपुर नगर पालिका के चेयरमैन रहे और मुजफ्फरपुर से 4 बार सांसद चुने गए एवं एक बार राज्यसभा सांसद बने। महासचिव अवध कुमार चौधरी ने कहा इनका पूरा राजनीति जीवन निषाद के लिए प्रेरणा स्रोत है।

कैप्टन निषाद की पुत्रवधु रमा सभा निषाद ने कहा कि सरकार मछुआरों की निलंबित मांगों की शीघ्र पूर्ति करें। समारोह में मुख्य रूप से चरित्तर चौधरी, जोधन निषाद, जलेश्वर सहनी, राम भजन निषाद, राजेश कुमार मुन्ना, देशेश जलज, अक्षय कुमार, बैजनाथ सिंह, राजेंद्र सिंह, विजय कुमार साहनी, पुरुषोत्तम प्रियदर्शी, सुरेश निषाद, अभिमन्यु निषाद, दिलीप कुमार निषाद, रामप्रवेश निषाद, बबन केवट, गौरव निषाद, ललित, मनोज निषाद, शिव शंकर निषाद, अरुण साहनी, दीपक निषाद, सुरेश सहनी आदि उपस्थित थें।

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