मुख्यमंत्री ने पटना शहर एवं आसपास के नगरीय क्षेत्रों में जलजमाव से बचाव के लिये किये जा रहे कार्यों की वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की
जलनिकासी की तात्कालिक व्यवस्था के साथ-साथ बढ़ती आबादी को देखते हुये अगले 40-50 सालों की आवश्यकता का आकलन करते हुये प्लान बनायें।
सम्प हाउसेस की क्षमता को बढ़ाया जाय। सभी सम्प हाउस के लिये डेडीकेटेड फीडर के साथ-साथ वैकल्पिक फीडर की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
क्षेत्र विषेष की आवश्यकताओं के अनुरूप जलजमाव को रोकने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाये जायें।
आउट फाॅल ड्रेन से सम्प हाउस की कनेक्टिविटी में किसी प्रकार का गैप न रहे।
बादषाही नाला से जल निकासी की सुगमता सुनिश्चित की जाय। नाला के दोनों तरफ सघन वृक्षारोपण किया जाय। नाले की पक्की फेंसिंग करते हुये विभागीय कार्यों के सुगम संचालन हेतु आवागमन की भी व्यवस्था की जाय।
उच्चस्तरीय कमिटी की अनुषंसाओं के अनुरूप कार्य करें। उच्चस्तरीय कमिटी भी किये जा रहे कार्यों का अनुश्रवण करती रहे।
पटना के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों से गंदा पानी पुनपुन नदी के माध्यम से गंगा नदी में नहीं जाय, इसे सुनिष्चित करें। गंगा नदी के पानी की शुद्धता का पूरा ध्यान रखा जाय।
कूड़े की डंपिंग के लिये समुचित व्यवस्था की जाय। सही जगह का चयन करें ताकि नागरिकों को परेषानी न हो।
पटना, 29 अप्रैल 2020:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पटना शहर एवं आसपास के नगरीय क्षेत्रों में जलजमाव से बचाव हेतु किये जा रहे कार्यों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की।
नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव श्री आनंद किशोर ने पटना शहर एवं आसपास के नगरीय क्षेत्रों को जलजमाव से मुक्त रखने हेतु की जा रही तैयारियों के संबंध में एक प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण के दौरान उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हुए जलजमाव के कारणों की जांच के आधार पर योजना बनायी गई है ताकि इस वर्ष जलजमाव की स्थिति न बने। उन्होंने 9 प्रमुख नाले सर्पेंटाइन नाला, बाईपास नाला (एन0सी0सी0), बाकरगंज नाला, सैदपुर नाला, योगीपुर नाला, बाईपास नाला (कंकड़बाग), राजीव नगर नाला, आनंदपुरी नाला एवं मंदिरी नालों की उड़ाही एवं अन्य कार्य योजनाओं की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नाला की उड़ाही कार्य को मॉनसून पूर्व 10 मई तक पूरा कर लिया जायेगा। उड़ाही के बाद नगर निगम, जिला प्रशासन एवं नगर विकास विभाग की संयुक्त टीम जाकर उसकी जांच करेगी, ताकि किसी प्रकार कोई त्रुटि न रह जाए। मॉनसून के दौरान 15 जून से 15 सितंबर तक उसकी सतत् निगरानी भी करनी है और मॉनसून के उपरांत 1 अक्टूबर से 15 फरवरी तक उस पर विशेष नजर रखी जाएगी। उन्होंने मेन होल, कैचपिट, खुले नाले, बॉक्स नाले, कच्चे नाले की भी सफाई सुनिश्चित करने के संबंध में जानकारी दी।
नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव ने डी0पी0एस0 (ड्रेनेज पंपिंग स्टेषन), वर्तमान डी0पी0एस0 का क्षमतावर्द्धन, नए डी0पी0एस0 हेतु मशीनों के क्रय संबंधी जानकारी, सिविल स्ट्रक्चर की मरम्मती की अंचलवार विवरणी, कार्यकारी संगठनों के बीच समन्वय समिति का निर्माण, संप हाउस के मेंटेनेंस की कार्य योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस बार से सी0सी0टीवी कैमरे के माध्यम से डी0पी0एस के हर पल की गतिविधि पर पटना नगर निगम, बुडको एवं नगर विकास विभाग नजर रखेगा, जिससे जलनिकासी की बेहतर मॉनिटरिंग की जा सकेगी।
जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस ने बादशाही नाले से जलनिकासी में सुगमता लाने हेतु की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इसे अतिक्रमणमुक्त करने की कार्रवाई की गई है और बादशाही नाले का रिसेक्शनिंग भी किया जा रहा है। 30.13 कि0मी0 के इस नाले के 17.63 कि0मी0 का काम पूर्ण हो गया है बाकी कार्यों की सघन मॉनिटरिंग की जा रही है और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने डेडिकेटेड फीडर, कुछ पावर सब स्टेशनों को ऊंचा करने, कुछ जगहों में अंडरग्राउंड केबलिंग कराकर निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने के संबंध में जानकारी दी।
समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि तात्कालिक व्यवस्था के साथ-साथ बढ़ती आबादी को देखते हुए अगले 40-50 सालों की आवश्यकता का आकलन करते हुए प्लान बनाएं। उन्होने कहा कि नाले उड़ाही का काम निरंतर चलता रहे ताकि जलजमाव की स्थिति पैदा न हो। पटना के सभी प्रमुख 9 नालों की उड़ाही एवं गहन सफाई का कार्य जल्द पूर्ण करें। उड़ाही के कार्यों की नियमित जांच और सघन निगरानी करें। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष हुए जलजमाव पर आयी रिपोर्ट का पूरी तरह अध्ययन कर लें। उच्चस्तरीय कमिटी की अनुषंसाओं के अनुरूप कार्य करें। उच्चस्तरीय कमिटी भी किये जा रहे कार्यों का अनुश्रवण करती रहे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र विषेष की आवष्यकताओं के अनुरूप जलजमाव को रोकने हेतु सभी आवष्यक कदम उठाये जायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्प हाउसेस की क्षमता को बढ़ाया जाय। आउट फाॅल ड्रेन से सम्प हाउस की कनेक्टिविटी में किसी प्रकार का गैप न रहे। सभी सम्प हाउस के लिये डेडिकेटेड फीडर के साथ-साथ वैकल्पिक फीडर की व्यवस्था सुनिष्चित करें ताकि सभी संप हाउसों के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति हो सके। बादषाही नाला से जलनिकासी की सुगमता सुनिष्चित की जाय और नाला के दोनों तरफ सघन वृक्षारोपण किया जाय। नाले की पक्की फेंसिंग करते हुये विभागीय कार्यों के सुगम संचालन हेतु आवागमन की भी व्यवस्था की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आबादी बढ़ रही है। निचले इलाकों में भी लोग बस रहे हैं। उन क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन क्षेत्रों के जल को जमीन के नीचे ले जाने की व्यवस्था बनाने पर भी योजना बनाएं। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तर्ज पर ग्राउंड वाटर रिचार्ज के विकल्पों को तलाषें। उन्होंने कहा कि पटना के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों से गंदा पानी पुनपुन नदी के माध्यम से गंगा नदी में नहीं जाय, इसे सुनिष्चित करें। गंगा नदी के पानी की शुद्धता का पूरा ध्यान रखा जाय। गंदे पानी को एस0टी0पी0 के माध्यम से शुद्ध कर उसका उपयोग कृषि कार्यों में किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में कूड़े की डंपिंग के लिये समुचित व्यवस्था की जाय, उसके लिये सही जगह का चयन करें ताकि नागरिकों को परेषानी न हो। पटना स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत किए जा रहे कार्यों में तेजी लाएं। आर0 ब्लाॅक-दीघा पथ में डेªनेज की समुचित व्यवस्था की जाय, जिससे दोनों तरफ के बसे सघन आबादी के घरों के इस्तेमाल किये गये पानी का भी ठीक से निकास हो सके।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे। वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से नगर विकास एवं आवास मंत्री श्री सुरेश शर्मा, जल संसाधन मंत्री श्री संजय झा, वित्त विभाग के प्रधान सचिव श्री एस0 सिद्धार्थ, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव श्री प्रत्यय अमृत, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव श्री आनंद किशोर, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव कुमार हंस, पटना प्रमंडल के आयुक्त श्री संजय कुमार अग्रवाल, पटना के जिलाधिकारी श्री कुमार रवि जुड़े थे।