पटना 25 अप्रैल 2020 : जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने हाल के कुछ दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में आई बढ़ोत्तरी को अप्रत्याशित नहीं मानते हुए अभी भी स्थितियों को नियंत्रण में बताया है। लेकिन उन्होंने कहा कि सावधानी एवं सतर्कता के सूत्र के आधार पर ही इस वैश्विक आपदा से हम स्वयं, अपने परिवार, राज्य एवं राष्ट्र को बचा सकते हैं। लॉक डाउन एवं सामाजिक दूरी का भारतीय एवं विशेष कर बिहार मॉडल सर्वत्र सराहा जा रहा है।
नीतीश जी ने कोरोना के ख़िलाफ़ अभिभावक की तरह बिहार की अगुवाई की – राजीव रंजन प्रसाद
श्री प्रसाद ने कहा कि मुख्य मंत्री श्री नीतीश कुमार द्वारा लिए फैसले यह सिध्द करते हैं कि वह एक स्टेट्समैन हैं एवं राज्य हित में एक अभिभावक के रूप में जो कुछ भी आवश्यक है, वह करेंगे। और शायद इस लिए बिहार में 23 मार्च से लॉक डाउन है जबकि देश मे इसे 25 मार्च को लागू किया गया। विधान मंडल का सत्र स्थगित करने वाला पहला राज्य बिहार ही था। वहीं लाखों प्रवासियों के एकाउंट में प्रति व्यक्ति हज़ार रुपए की राशि का अंतरण, उनके लिए नौ राज्यों के 12 शहरों में 55 राहत केंद्र, सम्बध्द राज्य सरकारों से समन्वय एवं सहयोग के साथ उन्हें राहत पहुंचाने के साथ ही बिहार के अंदर राशन कार्ड धारकों को 1000 रुपये की राशि अंतरण, मुफ्त राशन, रद्द राशन कार्ड की समीक्षा एवं पुनः नए कार्ड बना कर उन्हें भी राहत, दिहाड़ी मजदूरों को राहत हेतु शहरी इलाकों में आपदा राहत केंद्र के जरिये भोजन, आवासन एवं चिकित्सा सुविधा, किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए इनपुट सब्सिडी ट्रांसफर जैसे फैसले जमीन पर उतार दिए गए। वहीं मजदूरों को काम दिया जा रहा है, जिन मजदूरों के पास जॉब कार्ड नहीं है, उन्हें नए कार्ड बना कर काम मिलेगा। बेरोजगार वैसे मजदूर भी नहीं रहेंगे जो दूसरे प्रदेशों से घर आये हैं।
श्री प्रसाद ने कहा कि पल्स पोलियो की तर्ज़ पर डोर टू डोर स्क्रीनिंग के जरिये कोरोना की जांच एक मील का पत्थर साबित हो सकती है, बशर्ते हम जिम्मेदार नागरिक के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।