पटना। राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि आस्था पर दूसरों को नसीहत देने के बजाय भाजपा को अपने नेताओं को नसीहत देने की जरूरत है। जिस भाजपा की केन्द्र सरकार द्वारा रामसेतु के अस्तित्व को नकार दिया गया है वह किस नैतिकता से भगवान राम के प्रति अपने आस्था का दावा कर रही है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा भगवान विष्णु,भगवान राम, मां सीता और भगवान महावीर को लेकर जब अभद्र टिप्पणियां की जाती है उस समय भाजपा चुप्पी क्यों साध लेती है। क्या उस समय लोगों के आस्था पर चोट नहीं पहुंचता है। क्या आस्था पर चोट भी राजनीतिक नजरिए के अनुसार हीं पड़ता है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी और योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री संजय निषाद ने तो भगवान राम को राजा दशरथ के पुत्र मानने से ही इनकार कर दिये हैं।
मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार के मंत्री मोहन यादव ने तो मां सीता को न केवल तलाकशुदा कहा है बल्कि उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि मां सीता ने आत्महत्या कर ली थी। राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने तो मां सीता के जन्म पर ही सवाल खड़ा कर दिया था। राजद प्रवक्ता ने कहा कि जो भाजपा आज गोस्वामी तुलसीदास कृत श्रीरामचरितमानस की कुछ पंक्तियों के साहित्यिक शब्दार्थ को लेकर बयानबाजी कर रही है।
उसकी बोलती तब क्यूं बंद हो जाती है जब भाजपा नेताओं द्वारा श्रीरामचरितमानस के कथानक को हीं गलत साबित कर दिया जाता है और प्रत्यक्ष रूप से भगवान विष्णु, भगवान राम, मां सीता और भगवान महावीर के बारे में अमर्यादित टिप्पणी द्वारा आस्था पर जबरदस्त प्रहार किया जाता है।
श्वेता