भारतीय रेलवे में कैबिनेट ने 2339 किलोमीटर लंबी सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी

इस परियोजना में धनबाद मंडल के दो परियोजनाएँ निहित है- मौजूदा चोपन-चुनार सिंगल लाइन सेक्शन का दोहरीकरण एवं मल्टी- ट्रेकिंग परियोजनओं के अंतर्गत सोननगर-अंडाल खंड में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का विस्तार

 

चोपन-चुनार सिंगल लाइन सेक्शन का दोहरीकरण से बहुत से फायदे जैसे सिंगरौली क्षेत्र में बिजली का उत्पादन में बढ़ोतरी होगी , चुनार क्षेत्र में सीमेंट उद्योग स्थापित है दोहरीकरण से सीमेंट को देश के विभिन्न क्षेत्रों में निर्यात करने में सुविधा होगी , डीएफसी को एनसीएल और सीसीएल का कोयला देश के विभिन्न क्षेत्रों में अधिक मात्र में निर्यात किय जा सकेगा , बिहार और यूपी के राज्यों में फ्लाई ऐश, गिट्टी को भेजने में सहूलियत होगी , यात्रियों को सेंट्रल पावर हब और सिंगरौली एवं खदानों के श्रमिकों को वाराणसी, लखनऊ और दिल्ली से अच्छी और तेज कनेक्टिविटी मिलेगी जिससे रोजगार बढेगा l

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का सोननगर-अंडाल खंड लगभग 375 किलोमीटर लंबा है, जो बिहार के सोननगर स्टेशन (चिराइलापौथु) से शुरू होकर झारखंड से होकर गुजरता है और पश्चिम बंगाल राज्य के अंडाल स्टेशन पर समाप्त होता है। यह लुधियाना-सोननगर पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का विस्तार है जिसका संचालन ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) प्रयागराज, उत्तर प्रदेश से नियंत्रित किया जाएगा।

न्यू काष्ठा, न्यू कोडरमा, न्यू गोमो, न्यू प्रधानखुंटा, न्यू मुगमा और न्यू अंडाल में कुल 6 जंक्शन स्टेशन हैं जहां डीएफसी भारतीय रेलवे को जोड़ेगा और 4 क्रॉसिंग स्टेशन न्यू रफीगंज, न्यू पहाड़पुर, न्यू हिरोडीह, न्यू केशवारी और एक केबिन न्यू कालीपहाड़ी स्टेशन में निर्मित किये जायेंगे l
यह संरेखण बिहार के औरंगाबाद और गया जिले (133 किलोमीटर), झारखंड के कोडरमा, हज़ारीबाग, गिरिडीह और धनबाद जिले (202 किलोमीटर) और पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले (20 किलोमीटर) से होकर गुजरेगा।

कुल 70 एलसी गेट हैं जिन्हें आरओबी या आरयूबी द्वारा समाप्त करने की योजना है। इस खंड में गया के पास फल्गु नदी और बराकर के पास बराकर नदी को पार करने वाले 2 महत्वपूर्ण पुल, 56 प्रमुख पुल और कुल मिलाकर 5 सुरंगें हैं। लंबाई 2.64 कि.मी. इस खंड में रेलवे भूमि सहित लगभग 97% भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है।परियोजना की लागत लगभग रु. 15193/- करोड़. जिसमें भूमि की लागत भी शामिल है।

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