भारतीय नौसेना ने सात जहाजों के साथ पहली प्रशिक्षण स्क्वाड्रन को श्रीलंका भेजा

भारतीय नौसेना ने छह जहाजों के साथ प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए विदेशी तैनाती के रूप में अपने अधिकारियों को चार दिवसीय दौरे पर श्रीलंका भेजा है। इस विदेशी तैनाती का उद्देश्य युवा अधिकारियों और अधिकारी-प्रशिक्षुओं को हिंद महासागर क्षेत्र में विभिन्न देशों के सामाजिक-राजनीतिक और समुद्री पहलुओं से अवगत कराना है। यह तैनाती प्रशिक्षुओं को युद्धपोतों के संचालन और विदेशी राष्ट्रों के साथ दोस्ती को बढ़ावा देना सिखाएगी।

चार दशकों से अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षुओं को दे रही है प्रशिक्षण

कोच्चि स्थित नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन से रविवार को भेजे गए प्रशिक्षु अधिकारी 100वें और 101वें पाठ्यक्रम का हिस्सा हैं। इसके साथ जहाज सुजाता, मगर, शार्दुल, सुदर्शनी, तरंगिनी और तटरक्षक जहाज विक्रम को भी रवाना किया गया है। सभी जहाज दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) का हिस्सा हैं, जो भारतीय नौसेना की प्रशिक्षण कमान है। इसका नेतृत्व दक्षिणी नौसेना कमान (एसएनसी) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल एके चावला करते हैं। भारतीय नौसेना पिछले चार दशकों से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दे रही है। मौजूदा समय में भी श्रीलंका से बड़ी संख्या में अधिकारी और नाविक यहां विभिन्न प्रारंभिक से उन्नत पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले रहे हैं। कमान ने उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए विकसित रणनीति और प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया है।

स्क्वाड्रन में स्वदेशी रूप से निर्मित सात जहाज हैं शामिल

नौसेना प्रवक्ता विवेक मधवाल के अनुसार भारतीय नौसेना अकादमी में प्रारंभिक प्रशिक्षण पूरा होने के बाद कोच्चि स्थित पहला प्रशिक्षण स्क्वाड्रन प्रशिक्षु अधिकारियों को समुद्र में पहला पैर रखने की इजाजत देता है। इस स्क्वाड्रन में स्वदेशी रूप से निर्मित सात जहाज तीर, सुजाता, मगर, शार्दुल, तटरक्षक जहाज विक्रम और दो सेल प्रशिक्षण जहाज आईएनएस सुदर्शनी और आईएनएस तरंगिनी शामिल हैं। आईएनएस तीर के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन आफताब अहमद खान को इस प्रशिक्षण स्क्वाड्रन की जिम्मेदारी दी गई है। चार दिवसीय तैनाती के दौरान जहाज मगर और शार्दुल 101 आईओटीसी के प्रशिक्षुओं के साथ कोलंबो बंदरगाह का दौरा करेंगे, जबकि आईएन जहाज सुजाता, सुदर्शनी, तरंगिनी और सीजीएस विक्रम 100वें आईओटीसी के प्रशिक्षुओं के साथ त्रिंकोमाली जाएंगे।

भारत और श्रीलंका के बीच प्रशिक्षण गतिविधियां होंगी आयोजित

प्रवक्ता के अनुसार भविष्य में भारत और श्रीलंका की नौसेनाओं के बीच विभिन्न प्रशिक्षण गतिविधियां आयोजित करने की योजना है, जिसका उद्देश्य दोनों सेनाओं की अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है। ओवरसीज डिप्लॉयमेंट के दौरान युवा अधिकारियों में सीमैनशिप और शिप हैंडलिंग के कौशल को विकसित करने और रोमांच की भावना का पोषण करने में मदद मिलेगी। यह विदेशी दौरा उनमें न केवल साहस और जोश के साथ चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित करेगा, बल्कि समुद्री वातावरण के तत्वों की गहरी समझ और सम्मान भी पैदा करेगा। सभी जहाजों के पूरे दल को कोरोना वैक्सीन के दोनों टीके लगाने के बाद श्रीलंका भेजा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *