भारत ने कहा है कि उसकी तात्कालिक प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि अफगानिस्तान की भूमि का उपयोग उसके विरुद्ध आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाए।
नई दिल्ली में कल विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने दोहा बैठक में भारत विरोधी गतिविधियों के लिए अफगानिस्तान की भूमि के उपयोग की संभावनाओं पर अपनी चिंता व्यक्त की थी।
कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल और तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास के बीच बैठक का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
अफगानिस्तान में बचे भारतीयों को वापस लाने के बारे में पूछे जाने पर बागची ने कहा कि काबुल हवाई अड्डे से उड़ानें शुरू होने के बाद इस मामले पर फिर से विचार किया जाएगा।
विद इन द मास मैजोरिटी इंडियंस जो निकलना चाहते थे निकल गए हैं वहां से। हमारी जो अफगानिस्तान स्पेशल सेल है उनसे कॉन्टेक्ट में हैं। पर वास मैजोरिटी निकल गए हैं, बहुत कम लोग बाकी होंगे इंडियंस। हैं कुछ पक्का, वी आर टच विद देम। और जैसे मैंने कहा निकालने की बात पूछे तो क्या कर सकते हैं जब तक हमारे काबुल एयरपोर्ट ऑपरेशन न हो, वेट करना पड़ेगा, जब तक काबुल ऑपरेशन हो जाए, फिर हम देखते हैं कि किस तरह से वो निकल पाते हैं। दोहा मीटिंग में हमने इस बात पर जो हमारी जो कंसर्न है ये हमने उसको कन्वे तो कर दिया है।
साभार : NewsOnAir