औरंगाबाद। भारतीय स्टेट बैंक दक्षिण बिहार के औरंगाबाद, रोहतास, गया समेत 16 जिलों में जीविका दीदियों को रोजगार, व्यवसाय और लघु उद्योग के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के लिए चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 8०० करोड़ का ऋण उपलब्ध कराएगा।
औरंगाबाद में आज बैंक के क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जीविका दीदियों को पांच करोड़ रुपए का ऋण प्रदान करते हुए बैंक के महाप्रबंधक मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक जीविका समूह से मिलकर बिहार की ग्रामीण महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार लाने और उनकी आर्थिक समृद्धि के लिए काम कर रहा है। केवल औरंगाबाद जिले में जीविका दीदियों को रोजगार और व्यवसाय के लिए इस वर्ष 1०० करोड़ का ऋण दिया जा रहा है।
ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोगी है भारतीय स्टेट बैंक : मनोज गुप्ता
श्री गुप्ता ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक की दक्षिण बिहार के 16 जिलों में 4०० शाखाएं हैं जिन्हें जीविका दीदियों के समूह को वित्त पोषित तथा प्रोत्साहित करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। कार्यक्रम को जीविका के राज्य परियोजना प्रबंधक पुष्पेंद्र सिंह तिवारी, बैंक के उप महाप्रबंधक जोरा सिह, क्षेत्रीय प्रबंधक रवि भूषण दयाल, जीविका के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पवन कुमार ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान कुछ जीविका दीदियों ने जीविका समूह के माध्यम से अपने जीवन स्तर में सुधार लाने की कहानी भी सुनाई। शिविर में 23० समूहों की जीविका दीदियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में जीविका की ओर से ब्लाक प्रोजेक्ट मैनेजर तथा बैंक अधिकारी सतीश कुमार, नवनीत कुमार, आशीष रंजन, अमित रंजन, मुकेश कुमार, अभिषेक कुमार भी शामिल हुए।
जीविका से जुड़ी महिलाएं बनेंगी आत्मनिर्भर : जोरा
बैंक के उप महाप्रबंधक जोरा सिह ने कहा कि इसके तहत चार आधार स्तंभ डिजिटल बैंकिग, ऋण आपूर्ति, सामाजिक सुरक्षा व वित्तीय साक्षरता ग्रामीण क्षेत्रों में दी जा रही है ताकि जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सके।
विकास में सहयोग के लिए एसबीआई सदैव तत्पर : दयाल
क्षेत्रीय प्रबंधक रवि भूषण दयाल ने कहा कि एसबीआई विकास में सहयोग के लिए सदैव तत्पर रहता है। बैंक समाज के गरीब तबके के उत्थान के लिए प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक जीविका दीदियों के साथ-साथ किसानों, व्यापारियों, छोटे-छोटे दुकानदारों, रेहड़ी वालों तथा आम जन को वित्त पोषित कर उनके रोजगार-व्यापार-कृषि को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है।
ऋण की राशि को लाभ के व्यवसाय में लगायें : पवन
जीविका के जिला कार्यक्रम प्रबंधक पवन कुमार ने कहा कि बैंक ऋण राशि के सदुपयोग से समूह के सदस्यों को अपने आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने में सहायता मिलेगी और उनके आर्थिक उन्नयन का मार्ग भी प्रशस्त होगा। उन्होंने उपस्थित जीविका दीदियों से कहा कि ऋण की राशि को लाभ के व्यवसाय में लगायें। इसमें आपका कार्य उल्लेखनीय होगा तो उसे आगे और अधिक ऋण के रूप में सहायता मिलेगी।