(डा. नम्रता आनंद)
पटना, हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व और महत्ता पर ध्यान देने के साथ भारत की भाषाई विविधता को बढ़ावा देने और जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। वर्ष 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने एक मत होकर हिंदी को भारत की राजभाषा के तौर पर स्वीकार किया था। 14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया। तब से हर साल पूरे देश में हिंदी दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। हिंदी भाषा का विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान है, साथ ही इसे भारत की पहचान का प्रतीक माना जाता है। हिंदी न अब केवल भारत तक ही सीमित है बल्कि अब कई अन्य देशों में भी बोली जाती है। हिंदी दुनिया भर में फैले भारतीय प्रवासियों को जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
भारत में हिंदी दिवस का बहुत महत्व है क्योंकि यह देश की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाने का जश्न मनाता है। यह दिन भारत की भाषाई विविधता और हिंदी के संरक्षण और प्रचार के महत्व की याद दिलाता है, जो न केवल एक भाषा है बल्कि देश की सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है।इसके अलावा, हिंदी दिवस लोगों को हिंदी भाषा सीखने और उसकी सराहना करने के लिए प्रोत्साहित करता है।भारत कई राज भाषाओं और लिपियों से समृद्ध देश है। यहां कई सारी भाषाएं बोली जाती हैं। देश के आधे से ज्यादा भाग को हिंदी भाषा ही जोड़ती है। हिंदी हिंदुस्तान की पहचान भी है और गौरव भी।
दुनियाभर में हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या की बात की जाए, तो 80 करोड़ से भी ज्यादा लोग अब हिंदी बोलते हैं। यह गर्व का विषय यह है कि अब सैकड़ों देशों में हिंदी का प्रयोग धीरे-धीरे बढ़ रहा है। यह दिन हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता फैलाने और हिंदी साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए महत्वपूर्ण है।