IIT दिल्ली ने विकसित की स्वदेशी तकनीक, अब कर सकेंगे पानी से हाइड्रोजन को अलग

DESK: IIT भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान नई दिल्ली के शोधकर्ताओं ने पानी से हाइड्रोजन को अलग करने की तकनीक विकसित कर लिया है. इस तकनीक के आ जाने से आने वाले समय में हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में किया जा सकेगा.

बेहद कम खर्च में शोधकर्ताओं ने यह तकनीक विकसित की है ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग लाभदायक है। संस्थान वर्ष 2007 से इस परियोजना पर काम कर रहा है। शोधकर्ताओं ने सल्फर आयोडीन थर्मोकेमिकल चयन प्रक्रिया को अपनाया और पानी से स्वच्छ हाइड्रोजन ईंधन प्राप्त करने में सफलता हासिल की। औद्योगिक इकाइयों में इस तरह से बनाए गए हाइड्रोजन का उपयोग किया जा सकेगा। पानी से हाइड्रोजन ईंधन अलग करने की यह तकनीक पूरी तरह से स्वदेशी है। समूची प्रक्रिया आईआईटी दिल्ली में विकसित की गई है। इस तकनीक को विकसित करने में शोधकर्ताओं को तेल और प्राकृतिक विकास गैस निगम (ONGC) का आर्थिक सहयोग मिला.

IIT दिल्ली के शोधकर्ता छात्र कहते हैं कि भविष्य के लिए हमें इंधन के नवीकरणीय स्रोतों पर ही निर्भर रहना है पर्यावरण से संबंधित समस्याओं का समाधान भी नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करने से ही होगा इसलिए छात्रों ने यह तकनीक विकसित की है।

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