सिकंदरा
40 वर्षों से पंचर दुकान चलाकर संघर्ष का जीवन व्यतीत करने वाले मोहम्मद शमीम खान के पुत्र मोहम्मद हदीद खान ने बीपीएससी 66 वीं की परीक्षा पास कर बीडीओ के पद पर चयनित होकर प्रखंड सहित जमुई जिले का नाम रौशन किया है। बता दें कि सिकंदरा प्रखंड के पोहे गांव के मूल निवासी मोहम्मद शमीम खान 40 वर्षों से सिकंदरा के जमुई रोड में टायर का पंचर बनाने का कार्य करते आ रहे हैं। काफी गरीब परिवार से होने के बावजूद संघर्ष का जीवन व्यतीत कर अपने पुत्र को बेहतर शिक्षा प्रदान करवायी है। पहले ही लक्ष्य में इनके पुत्र मोहम्मद हदीद खान ने 3 अगस्त को बिहार लोक सेवा आयोग के 66 वीं परीक्षा में 80 वां रैंक हासिल कर प्रखंड विकास पदाधिकारी के पद पर चयन हुये। इनके इस सफलता से सिकंदरा वाले आवास पर दिनभर जश्न का माहौल बना रहा। वही खुशी जाहिर करते हुए उप प्रमुख नैयर खान, नसरुल खान, नसीम खान, एजाज खान, अफताब खान, संजीत कुमार सहित काफी संख्या में लोगों ने उनके आवास पर पहुंचकर फूल माला पहनाकर स्वागत किया और मिठाई खिलाकर बधाइयां दी है।
मोहम्मद हदीद ने सुनाई संघर्ष की दास्तां –
हदीद ने कहा कि मैं अपने गांव पोहे उत्क्रमित विद्यालय से आठवीं पास कर सिकंदरा प्लस टू श्री कृष्ण विद्यालय से 2014 में मैट्रिक व 2016 में इंटर की परीक्षा पास की। इसके उपरांत मैंने स्नातक की परीक्षा मगध यूनिवर्सिटी से पास की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मैंने काफी संघर्ष किया। मैंने सिकंदरा जमुई रोड में हदीद खान कोचिंग क्लासेज चलाने के साथ समय निकलने पर मैं अपने पिता की पंचर दुकान में सहयोग करने का कार्य करते थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि प्रीति की परीक्षा में हाई मार्क 119 नंबर लाया था। 29 जुलाई 2021 को मेंस की परीक्षा पास की। जिसके उपरांत बीपीएससी में इंटरव्यू के लिए कॉल आया। 3 अगस्त 2022 को बीपीएससी परीक्षा में 80 वां रैंक हासिल हुआ। उन्होंने कहा कि आगे का लक्ष्य यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बनने का है।
40 वर्षों से संघर्ष कर पंचर बना रहे मोहम्मद शमीम खान का पुत्र मोहम्मद हदीद ने अपने पिता को टायर के पंचर बनाने के क्षेत्र में संघर्ष को देखते हुए प्रण लिया कि मेरा संघर्ष शिक्षा के क्षेत्र में होगा। आखिरकार गरीबी के मुश्किलों का डटकर सामना किया। और नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया। सोच और कड़ी मेहनत की बदौलत राज्य की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा बीपीएससी पास कर बीडीओ पद के लिए चयनित हो गया। इसकी सफलता की कहानी शिक्षा के क्षेत्र में मुश्किलों का सामना कर रहे बच्चों को प्रेरणा दे रही है।
जमुई से पंकज कुमार की रेपोर्ट