पटना। विप सदस्य रामचंद्र पूर्वे के अल्पसूचित तथा संजय पासवान के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य सरकार मिट्टïी जांच व्यवस्था को गांव तक ले जाना चाहती है। इसके लिए सरकार ने गांव में प्रयोगशाला लगाने वाले वाले हर इच्छुक युवक को पांच लाख रुपये देने का फैसला किया है। इच्छुक युवक को इंटर साइंस पास होना जरूरी है। इसके अलावा बीएससी कमेस्ट्री तथा और बीएसी एग्रीकल्चर पास युवकों को इसके लिए प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए युवक अगर किराये पर मकान लेते हैं तो सरकार किराये का भी भुगतान करेगी। इसके अलावा हर जांच करने पर सरकार 60 रुपये प्रति नमूना भुगतान करेगी। योजना लागू कर दी गई है। अब तक 30 गांवों में इसकी व्यवस्था हो चुकी है लेकिन हर गांव में सरकार यह व्यवस्था करना चाहती है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि राज्य में 3 लाख 33 हजार किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड दिया जा चुका है। इसी के साथ दो लाख 73 हजार मिट्टी के नमूनों की जांच हो चुकी है। स्वायल हेल्थ कार्ड में किसानों को वैज्ञानिकों की सलाह भी दी जाती है। उसी सलाह के आधार पर किसानों को खाद का उपयोग करने को कहा जाता है। सभी जिलों में मिट्टी जांच प्रयोगशाला खुली है। वर्ष 2020-21 में दो लाख 30 हजार मिट्टी के नमूनों की जांच का लक्ष्य तय हुआ है लेकिन योजना देर से मंजूरी होने के कारण पैसे की निकासी नहीं हो सकी। केन्द्र सरकार को उसे रीवैलिडेट करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
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