ट्विटर मामले पर सरकार ने अपना रुख किया साफ, केंद्रीय मंत्री ने कहा, भ्रामक जानकारी के मुद्दे पर कर रहा मनमानी

भारत (INDIA) सरकार ने सोशल साईट ट्वीटर के मामले पर अपना रुख साफ़ कर दिया है। इस बाबत सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा। केंद्रीय मंत्री ने ट्विटर के नए आईटी नियमों के अनुपालन को लेकर आनाकानी करने के रवैये पर सोशल मीडिया वेबसाइट पर हमला बोला। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगर वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर कानूनों के अनुपालन से कन्नी काटने की कोशिश करता है, तो इस तरह के प्रयास गलत साबित होंगे।

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट कहा है कि ट्विटर 26 मई से लागू नए आईटी नियमों के अनुपालन में विफल रहा है। ट्विटर को कई मौके दिए गए, लेकिन वह जानबूझकर अनुपालन से कन्नी काटता रहा। उनका यह बयान इस तरह के प्रश्नों पर सामने आया है, जिसमें पूछा जा रहा है कि क्या ट्विटर को संवाद माध्यम के तौर पर मिला संरक्षण जारी है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति अपने बड़े भूगोल की तरह बदलती रहती है। इंटरनेट प्रसार के साथ छोटी सी चिंगारी आग का कारण बन सकती है। खास कर फेक न्यूज के कारण, इसी उद्देश्य के साथ नए आईटी नियम लाए गए थे।

यूजर्स की शिकायतों को दूर करने में विफल रहता है ट्विटर (Twitter)

उन्होंने आगे कहा कि यह आश्चर्य है कि ट्विटर खुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के ध्वजवाहक के रूप में चित्रित करता है, वह मध्यस्थ दिशा निर्देशों की बात करता है, तो जानबूझकर इसे नहीं मानने का रास्ता चुनता है।
उन्होंने इसके आगे कहा कि चौकाने वाली बात ये है कि ट्विटर देश के कानून के द्वारा अनिवार्य प्रक्रिया को स्थापित करने से इनकार करके यूजर्स की शिकायतों को दूर करने में विफल रहता है।

दूसरी कंपनियां भी कानून का करती हैं पालन

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का हुआ घटनाक्रम फेक न्यूज को लेकर ट्विटर के इसी मनमानी रवैया का परिचायक है। एक बार नहीं, बल्कि कई बार ट्विटर अपनी भूमिका निभाने में विफल रहा है। भारत में फार्मा आईटी और अन्य क्षेत्रों में भी अमेरिकी और अन्य विदेशी कंपनियां कार्यरत हैं और वह स्थानीय कानूनों का पालन करती हैं। ऐसे में ट्विटर भारतीय कानूनों के अनुपालन से दूरी बना रहा है। भारतीय कानून पीड़ितों को प्रताड़ना के खिलाफ आवाज देता है।

जी-7 शिखर सम्मेलन में भारत की ओर से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक प्रावधान पर जताई प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय समाज कानून पर आधारित व्यवस्था में चलता है। ऐसे में ट्विटर के इनके अनुपालन से कन्नी काटने के प्रयास विफल होंगे।

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