सीतामढ़ी, ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) ने सौजन्य से सीतामढ़ी में कायस्थ चौपाल का आयोजन किया गया। जीकेसी मीडिया-कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि जीकेसी सीतामढ़ी के जिलाध्यक्ष रामकुमार वर्मा की अध्यक्षता में सीतामढ़ी में कायस्थ चौपाल का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत जीकेसी के पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी नयी दिल्ली के तालटकटोरा स्टेडियम में 19 दिसंबर को होने वाले विश्व कायस्थ महासम्मेलन ‘उम्मीदों का कारवां’ कार्यक्रम में शिरकत करने के लिये लोगों को आमंत्रित किया और विश्व कायस्थ महासम्मेलन को सफल बनाने के लिये कायस्थ समाज के हर लोगों को एकजुट होने का आह्वान किया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि जीकेसी बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद मौजूद थी। मंच का सफल संचालन डा. संजीव कुमार सिन्हा ने किया।
संविधान निर्माण से लेकर आधुनिक भारत के नवनिर्माण में कायस्थ समाज के महापुरुषों का योगदान अविस्मरणीय : डा. नम्रता आनंद
डा. नम्रता आनंद ने कहा कि विश्व कायस्थ महासम्मेलन का मूल उद्देश्य सभी कायस्थ संगठनों, विद्बानों, प्रमुख हस्तियों और समाज के सभी लोगों को एकजुट कर एक मंच पर लाना है, जिससे राजनीति समेत सरकारी एवं निजी नौकरियों में कायस्थ जाति की हो रही उपेक्षा के विरोध में एकजुट होकर हम बड़े आंदोलन तथा अभियान की रूपरेखा तय कर सकें।हम सब को साथ आना चाहिए और संगठन को मजबूत करते हुए सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक रूप से सबल होना चाहिए।उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण से लेकर आधुनिक भारत के नवनिर्माण में हमारे महापुरुषों का योगदान अविस्मरणीय है। यदि कायस्थ समाज अब नहीं चेता तो बहुत देर हो जाएगी। उन्होंने कायस्थ समाज के लोगों से इस विश्व कायस्थ महासम्मेलन की महती सफलता के लिए सहयोग करने की अपील की है ।
कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने अपने नेतृत्व कौशल से देश को नई दिशा प्रदान की : राम कुमार वर्मा
जिलाध्यक्ष रामकुमार वर्मा ने कहा, कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है। स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, प्रथम राष्ट्रपति देशत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जैसे कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने अपने नेतृत्व कौशल से इस देश को नई दिशा प्रदान की है लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिए पर जा रहा है। इसे देखते हुए हमें जागने की जरूरत है।
जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर कुमार वर्मा ने कहा कि कायस्थ जाति के लोग हमेशा से समाज का नेतृत्व करते रहे हैं। कायस्थ समाज के लोगों का गौरवशाली इतिहास रहा है लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिये पर चल गया है जिसे मजबूत करने की जरूरत है।कायस्थ राजाओ,साम्राज्योँ और उनके साहसिक शासनकाल का अविस्मरणीय योगदान रहा है।स्वाधीनता आंदोलन में भी कायस्थ समाज ने आगे बढ़कर देश को आजाद कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान परिदृश्य में उसमें निरंतर गिरावट देखी जा रही है। हम सभी को फिर से एकजुट होने की जरूरत है।
इस अवसर पर अरुण कुमार, अंजनी कुमार वर्मा, विश्वदेव सहाय,शैलेन्द्र कुमार, डॉ संजय कुमार वर्मा, डॉ सुनीता कुमारी, डा.आलोक कुमार वर्मा, मोहन कुमार वर्मा, श्रीमती किरण वर्मा, श्रीमती शालिनी वर्मा, डॉ अमित वर्मा,मुकेश वर्मा,अमृतेश जी ,दीपू वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।