उदयपुर, पटना विश्वस्तरीय कायस्थ संगठन ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) की ओर से राजस्थान के उदयपुर में आयाजित प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन में
जीकेसी के कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर समां बांध दिया।
जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि जीकेसी के प्रथम राष्ट्रीय अधिवेशन उदयपुर के दूसरे सत्र में सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इसके बाद मंच पर कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पवन सक्सेना के नेतृत्व में विभिन्न रंगा-रंग कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन जीकेसी कला संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय महासचिव शिवानी गौड़ एवं जीकेसी कला संस्कृति प्रकोष्ट की राष्ट्रीय सचिव काजल सक्सेना ने किया।विभिन्न प्रांतों से आए कलाकारों को सुनने के लिए अटल सभागृह में देर रात तक दर्शक सर्द मौसम में परिवार के साथ मौजूद रहे।
जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि सर्वप्रथम सुप्रसिद्ध नाटक “पन्ना धाय” का राजस्थान टीम द्वारा मंचन किया गया। उसके बाद सुप्रसिद्ध कत्थक नृत्यांगना और जीकेसी कला संस्कृति प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौमिका श्रीवास्तव द्वारा मन मोहक प्रस्तुति दी गई। इसके बाद दिल्ली की नवोदित कलाकार नव्या और विव्याना सिन्हा ने “ढोल बाजे – ढोल बाजे.. गीत पर अपने डांस से सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। अमृता सिन्हा के मेडलिस सांग्स के बाद अपनी आवाज का जादू नोएडा से नेहा और मनीषा सक्सेना ने बिखेरा।
इसके बाद जोधपुर के राकेश श्रीवास्तव द्वारा गजल प्रस्तुत की गई। काव्यपाठ के लिए गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार को आमंत्रित किया गया। इसके बाद उदयपुर के ही गायक राकेश माथुर ने अपने सूफियाना अंदाज से सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद डॉ योगिता सक्सेना के डांस एवं जीकेसी कला संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के अध्यक्ष दिवाकर वर्मा के गाये फिल्मी गीतों ने कार्यक्रम को और भी जानदार बना दिया। मिमक्री करते हुए राकेश अंबस्थ ने सबको गुदगुदाने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा सुधीर माथुर और प्रिया सहाय एवं विभिन्न प्रांतों से आए कायस्थ कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सभी को मंत्र मुग्ध किया। कार्यक्रम के अंत में जीकेसी के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने सभी कलाकारों को सम्मानित किया।