वन्यजीव के महत्व और इसके उत्थान के लिए हर साल 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर के बीच वन्यजीव सप्ताह मनाया जाता है। इस सप्ताह देशभर में वन्य जीव एवं प्राणियों के संरक्षण के लिए सैकड़ों जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। वन्यजीव सप्ताह लोगों को वन्य जीवन के बारे में शिक्षित व जागरूक करने के साथ-साथ सरकार के काम करने में, नीतियों को डिजाइन करने में व आज के बदलते परिवेश में वन्य जीव संरक्षण के मुद्दों का समाधान करने में मदद करती है।
प्रकृति व जीव-जंतुओं की रक्षा जरूरी
जीव सप्ताह के मौके पर पीएम मोदी ने देशवासियों को बधाई दी। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि यह अवसर हमें प्रकृति व जीव-जंतुओं की रक्षा के प्रति हमारे दायित्वों का स्मरण कराते हुए इस दिशा में ठोस कार्य करने की प्रेरणा देता है। प्रकृति का संरक्षण व जीवों की रक्षा हमारे आध्यात्मिक व सांस्कृतिक संस्कारों का अभिन्न अंग है। कहा गया है ‘सर्वम् खल्विदम् ब्रह्म’ अर्थात् संसार में पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, जड़-चेतन जो कुछ भी है, वो ईश्वर का ही स्वरूप है, हमारा अपना ही विस्तार है। हमारा समृद्ध दर्शन हमें ‘परम् परोपकारार्थम्, यो जीवति स जीवति’ का मंत्र देता है, जिसका अर्थ है कि वास्तविक जीवन वह है, जो परोपकार के लिए समर्पित हो ।
आठ वर्षों में लगभग 250 नए संरक्षित क्षेत्र जुड़े
पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि सामूहिकता और जनभागीदारी की शक्ति से विभिन्न क्षेत्रों में अनेक उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। वन्यजीवों के लिए पिछले आठ वर्षों में देश में लगभग ढाई सौ नए संरक्षित क्षेत्र जोड़े गए हैं और वन क्षेत्रों का विस्तार भी तेजी से हुआ है। हमारी गौरवशाली संस्कृति की साक्षी, मां गंगा को निर्मल व अविरल बनाने और इस पावन नदी में रहने वाले जीवों के संरक्षण व पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिति में सुधार के लिए ‘नमामि गंगे’ मिशन के अंतर्गत उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। मानवता के सामने ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं जब समय का चक्र, हमें अतीत को सुधार कर नए भविष्य के निर्माण का मौका देता है।
पीएम ने किया चीतों का जिक्र
पीएम ने कहा विश्व की सबसे बड़ी अंतर महाद्वीपीय पुनर्वास योजना के तहत देश में चीतों का आगमन एक ऐसा ही क्षण रहा। मुझे विश्वास है कि वन विभाग व आमजन के आपसी सहयोग से हम इस पहल की सफलता सुनिश्चित करेंगे। यह देखना सुखद है कि देश ने बाघों की संख्या को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया था, उसे समय से पहले हासिल कर लिया है। एक समय, असम में एक सींग वाले गैंडों का अस्तित्व खतरे में पड़ने लगा था, लेकिन आज उनकी भी संख्या में वृद्धि हुई है। भारत में एशियाई शेरों की संख्या में भी बड़ी बढ़ोत्तरी हुई है और हाथियों की संख्या भी निरंतर बढ़ रही है।
मानव, पर्यावरण और वन्यजीव एक-दूसरे के पूरक
पीएम ने वन्यजीव का जिक्र करते हुए बताया कि मानव, पर्यावरण और वन्यजीव एक-दूसरे के पूरक हैं। बदलते परिवेश में हमें वन्यजीवों के संरक्षण और जैव विविधता के लिए अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। सही नीति और बेहतर कार्यान्वयन से अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक साथ कार्य संभव है। पर्यावरण की रक्षा के साथ ही देश की प्रगति भी हो सकती है, यह भारत ने दुनिया को करके दिखाया है। उन्होंने कहा मुझे उम्मीद है कि वन्यजीव सप्ताह के अंतर्गत किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा लोगों में वन्यजीवों के अधिकारों व अपने कर्तव्यों के बारे में जागरूकता का विस्तार होगा और प्रकृति व वन्यजीवों की रक्षा के लिए सभी लोग मिलकर प्रयास करेंगे।