अब उधार पर नहीं बिकेंगी फ्लाई ऐश ईंटे : ब्रिक्स एसोसिएशन

 

पटना। बिहार फ्लाई ऐश ब्रिक्स एसोसिएशन की बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स में आयोजित वार्षिक आमसभा में आज 200 से ज्यादा सदस्यों ने एकमत से यह निर्णय लिया कि अब बिहार में उधार पर फ्लाई ऐश की ईंटे नहीं बेची जाएंगी।
एसोसिएशन ने यह निर्णय उधार के कारण इस उद्योग पर पड़ने वाली समस्याओं को देखते हुए लिया है। एसोसिएशन की वार्षिक आमसभा में वार्षिक प्रतिवेदन को प्रस्तुत करते हुये अध्यक्ष अतुल पाराशर ने कहा कि यह उद्योग विहार में काफी तेजी से बढ़ रहा है और रोजगार के नए अवसर भी खोल रहा है। आज से 10 वर्ष पूर्व जहां बिहार में गिने-चुने फ्लाई ऐश ईट के निर्माता थे आज इनकी संख्या लगभग बारह सौ गई है।
श्री पराशर ने बिहार के सभी बिजली उत्पादन घरों के अधिकारियों से मांग कि की वहां से निकल रहे उच्च गुणवत्ता के फ्लाई ऐश को विशेष रुप से बने पौंड में फेंकने के बजाए उसे संबंधित क्षेत्र के फ्लाई ऐश ईट के निर्माताओं को अवाध रूप से आपूर्ति की जाए।

एसोसिएशन के महासचिव विकास कुमार ने वार्षिक आम सभा में कहा कि बिहार के एनटीपीसी के कई इकाइयों से निकलने वाली फ्लाई ऐश को नेपाल बांग्लादेश या पूर्वोत्तर के राज्यों में भेज दिया जा रहा है जिससे बिहार के फ्लाई ऐश निर्माताओं को समय पर फ्लाई ऐश नहीं मिल पा रहीं हैं।
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अनीष कुमार ने सरकार से यह मांग की कि इस उद्योग को के सामने आ रही समस्या के समाधान के लिए सरकार को अपनी नीतियों में परिवर्तन लाए ।

इस बैठक में सभी सदस्यों ने उधार पर ईट दिये जाने के दुष्प्रभावों पर चर्चा की तथा यह भी कहा कि इससे इस उद्योग के विकास पर नकारात्मक असर पड़ रहा है । विमर्श के बाद एसोसिएशन के सदस्यों ने एकमत से निर्णय लिया कि बिहार में फ्लाई ऐश की ईंटे अब किसी भी स्थिति मे उधार नहीं बेची जायेगी।
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुधीर कुमार ने एसोसिएशन के विकास के लिए और इस उद्योग में लगे उद्योगपतियों और कर्मचारियों और मजदूरों के हित में लिया गया निर्णय बताया। सचिव राजन सिंह ने फ्लाई ऐश से बनी ईंटो के मूल्य पर एकरूपता कायम करने और इसे विवेकपूर्ण ढंग से निर्धारित करने की बात कही ।

इस अवसर पर पंकज जालान, रोहित मुनका, पंकज कुमार, विशाल गौरव, मारुतिका जयघोष, आशीष पाराशर, अमरेश कुमार सिंह, धीरज सिंह, परुषोत्तम ,मुकेश मनी, रंजय कुमार, कार्यानन्द सिंह सहित कई गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।

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