बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान नहीं करने पर चिंता जताई है और कहा है कि सरकार किसानों के साथ धोखाधड़ी कर रही है।
श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार ने तैयारी किए बिना धान क्रय का काम शुरू कर दिया है। किसानों को 48 घंटे के अंदर भुगतान करने का निर्देश कागज पर धरा रह गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 72 करोड रुपए से अधिक का धान पैक्सो एवं व्यापार मंडलों द्वारा खरीद की गई है पर इसके विरुद्ध मात्र 15 करोड़ 33 लाख का ही भुगतान हुआ है। श्री सिन्हा ने कहा है कि धान में नमी के नाम पर किसानों से कमीशन लिया जा रहा है और उन्हें परेशान किया जा रहा है। किसानों के घर में शादी ब्याह अथवा अन्य कार्य के कारण उन्हें पैसे की बहुत आवश्यकता है। भुगतान में देरी के कारण मजबूरी में वे बाजार में ही धान बेच रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 5000 से अधिक किसानों द्वारा धान की बिक्री की गई परंतु 1244 किसानों का ही भुगतान किया गया है। श्री सिन्हा ने कहा कि सरकारी क्रय केंद्रों पर धान के तौल में भी मनमानी हो रही है। वास्तविक तौल से कम पर धान लिया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने आश्चर्य व्यक्त किया कि 45 लाख टन धान की खरीद का सरकारी लक्ष्य में हजारों किसानों को उचित कीमत एवं वास्तविक तौल में घाटा सहना पड़ेगा। राज्य के किसान और राईस मिल वाले लोग पहले से ही अरवा और उसना चावल के सरकार कि नीति से परेशान है। इसका दुष्प्रभाव धान क्रय पर भी पडे़गा क्योंकि किसानों का मनोबल गिरा हुआ है। श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार के द्वारा प्रत्येक साल धान खरीद में चूना लगाना आम बात हो गई है। दलाल बिचौलिया धान क्रय केंद्र पर सक्रिय है और किसानों को ठग रहे है। नेता प्रतिपक्ष ने किसान के मामले में मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री एवं सहकारिता मंत्री की चुप्पी पर कहा कि उन्हें किसानों के सुख-दुख से कोई लेना देना नहीं है।