(विजय श्रीवास्तव की रिपोर्ट)
पटना: शनिवार रात बिदुपुर प्रखंड के जुड़ावनपुर हाट चकौसन बाजार में सुकमा शहीदों के नाम एक शाम कार्यक्रम में जमकर हंगामा हुुुआ । हंगामे के दौरान दर्शकों ने सैकड़ों कुर्सियों को तोड़ डाला। भागते समय खेसारी लाल यादव की गाड़ी पर भी उपद्रवियों ने हमला कर दिया। खेसारी को भी लगी गंभीर चोटें आई । इस घटना पर रविवार को खेसारी लाल ने चुप्पी तोड़ी । उन्होंने इस पूरे हमले पर गंभीर आरोप सुधीर सिंह पर लगाया है । उन्होंने कहा कि ये एक सोची समझी साजिश के तहत मुझपर हमला हुआ है । खेसारी से फोन पर बातचीत की बिहार पत्रिका के संपादक अभिषेक कुमार सिंह ने ।
खेसारी से खास बातचीत का ऑडियो
आपको बता दे कि इस कार्यक्रम के दौरान ख़ेसारी पर दर्शकों ने हमला कर दिया जिससे उनको जान बचा कर भागना पड़ा । बिहार पत्रिका से बातचीत के पूर्व खेसारी सोशल मीडिया पर आए । उन्होंने रो-रो कर अपना दर्द बयां किया । उन्होंने रोते-रोते कहा कि सुधीर मेरे सोहरत से जलकर मुझपर हमला करवा रहे । वो मेरी मर्डर करवाना चाहते हैं ।
खेसारी और सुधीर के बीच विवाद है पुराना
खेसारी लाल यादव और सुधीर सिंह के बीच विवाद पुराना है। दोनों के बीच भोजपुरी भाषा को लेकर सोशल मीडिया पर तकरार शुरू हुई थी। सुधीर सिंह ने खेसारी लाल यादव पर भोजपुरी भाषा को अपमानित करने का आरोप लगाया था। जिसके जवाब में खेसारी लाल यादव ने भी मोर्चा खोल दिया था। दोनों ने लगातार सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के खिलाफ खूब बयानबाजी भी की, लेकिन अब यह मामला दूसरा रूप लेते जा रहा है। खेसारी लाल यादव ने जिस तरह सुधीर सिंह पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया है उससे अब यह लगने लगा है कि बात हद से ज्यादा बढ़ गई है।
लोकसभा चुनाव है मुख्य कारण
जानकार बता रहे हैं कि खेसारी लाल यादव और सुधीर सिंह के बीच मौजूदा विवाद आगामी लोकसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी से जुड़ा है। दरअसल खेसारी लाल यादव ने महाराजगंज लोकसभा सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। जबकि सारण क्षेत्र में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के परिवार का दबदबा देखते हुए यह कयास लगाया जा रहा है उनके परिवार से कोई न कोई महाराजगंज से लोकसभा चुनाव जरुर लड़ेगा। वैसे प्रभुनाथ सिंह के बेटे रंधीर सिंह की चर्चा जोरों पर है। माना जा रहा है कि महाराजगंज में लालू यादव प्रभुनाथ सिंह की पसंद के उम्मीदवार पर अपनी मुहर लगा सकते हैं। लालू यादव सारण क्षेत्र के जातीय समीकरण को अच्छी तरह जानते हैं। सारण लोकसभा से हमेशा यादव जाति का उम्मीदवार राजद से चुनाव लड़ता है और महाराजगंज में राजपुत समुदाय को टिकट मिलता है। सारण क्षेत्र में यादव और राजपूत वोटरों की तादाद काफी ज्यादा है। ऐसे में खेसारी लाल यादव को ये डर सता रहा है कि अगर प्रभुनाथ सिंह के परिवार से कोई राजद टिकट का दावेदार हुआ तो उसके मुश्किल हो सकती है।