बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि राज्य सरकार शिक्षकों के साथ भेदभाव कर रही है। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री के साथ शिक्षक संगठनों की बैठक पर श्री सिन्हा ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने शिक्षक संगठनों के नेताओं से उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया।
श्री सिन्हा ने कहा कि नियोजित शिक्षकों की सभी मांगे जायज है। राज्यकर्मी का दर्जा,पुराने शिक्षकों के तरह वेतमान, बकाया राशि का भुगतान सहित प्रोन्नति एवं सेवा शर्तों के लिए शिक्षक संघर्षरत है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शिक्षा मंत्री इनकी मांगों को धैर्यपूर्वक सुने बिना पूरी बैठक में उन्हें डांटते फटकारते रहे। शिक्षा विभाग पिछले 17 साल से मुख्यमंत्री जी के दल जदयू के पास रहा है। इस अवधि में शिक्षा विभाग रसातल में चला गया। वर्ष 1990 से 2005 तक राजद के द्वारा शिक्षा को ध्वस्त किया गया और अब फिर से राजद से जिम्मे यह विभाग आ गया है।
श्री सिन्हा ने कहा कि शिक्षामंत्री खुद शिक्षक है पर उन्हें शिक्षकों से कोई सहानुभूति नहीं है। शिक्षा मंत्री यह नहीं समझते हैं कि इन शिक्षकों के भी बाल बच्चे और परिवार हैं जिनके भरण-पोषण के लिए उन्हें समय पर वेतन भुगतान होने चाहिए। पर दुर्भाग्यवश इन्हें 20-20 महीनों तक वेतन नहीं मिलता है।
श्री सिन्हा ने कहा कि सरकार शिक्षा एवं शिक्षकों के प्रति कितना असंवेदनशील है इसका आभास इसी से होता है कि दिसंबर में आगामी विधानसभा सत्र में शिक्षा विभाग से संबंधित प्रश्न नहीं पूछे जायेंगे। सरकार ने जान बूझ कर विधान सभा सत्र का ऐसा कार्यक्रम बनाया कि शिक्षा विभाग से संबंधित प्रश्न सदन में न पूछे जायेंगे।