सरकार ने शिक्षा को अधिक समावेशी बनाने और विदयार्थियों को 21वीं सदी के लिए तैयार करने के लिए आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत की।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने नई दिल्ली में इन पहलों की शुरुआत की।
राष्ट्रव्यापी शिक्षा नीति से स्कूली और कॉलेजों की शिक्षा पद्धति सहित सम्पूर्ण शिक्षा पद्धति की दिशा में आमूल-चूल परिवर्तन होगा।
इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के एक वर्ष की उपलब्धियों पर एक पुस्तिका का विमोचन किया गया। उन्होंने पढने की दक्षता, समझ और गणना में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल भारत एफएलएन टूल्स की भी शुरूआत की।
इनके अलावा ‘प्रिया’- एक्सेसिबिलिटी बुकलेट, दीक्षा प्लेटफॉर्म पर संसाधन, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग पर वर्चुअल स्कूल, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद का वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर 2021-22 को भी जारी किया गया। शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा नीति की विभिन्न पहलों की सराहना करते हुए कहा कि सरकार शिक्षा के डिजिटलीकरण और इस क्षेत्र की मजबूती की दिशा में काम कर रही है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि इन पहलों का उद्देश्य समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देना और विकलांगों के जीवन में परिवर्तन लाना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के विकास को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी।