जब आप सुबह से लेकर शाम तक अपने तमाम काम डिजिटल माध्यम से कर रहे हैं,तो ट्रैवेल के दौरान कैश ले कर चलने की क्या जरूरत। यात्रियों को कैशलेस यात्रा कराने के लिए भारतीय रेल भी कई सुविधाएं दे रही है और यात्रियों की सुविधा के लिए लेनदेन का डिजिटल तरीका अपना रही है। टिकट बुकिंग से लेकर खाना ऑर्डर करने और ट्रेन के अंदर कोई भी फूड या मील्स के लिए यात्री डिजिटल पेमेंट कर सकते हैं।
310 रेलवे स्टेशनों पर ई- कैटरिंग सर्विस
इसके अलावा ट्रेनों में यात्रियों के लिए उपलब्ध विकल्पों की सीमा को बढ़ाने के लिए, भारतीय रेलवे ने ई- कैटरिंग सर्विस शुरू की है। ई- कैटरिंग सर्विस को आईआरसीटीसी द्वारा मैनेज किया जाता है। खास बात ये है कि यात्री ऑनलाइन यानि ई-टिकट की बुकिंग के समय या ट्रेन में यात्रा करते समय भी ऐप, वेबसाइट या 1323 पर कॉल करके अपनी पसंद के भोजन का प्री-ऑर्डर कर सकते हैं। ई-कैटरिंग सर्विस 310 रेलवे स्टेशनों पर 1755 सर्विस प्रोवाइडर्स और 14 फूड एग्रीगेटर्स के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है, जो रोजाना औसतन 41,844 मील्स (Meals) की सप्लाई करते हैं।
ओवरचार्जिंग की शिकायतों हो रही दूर
इसके अलावा भारतीय रेलवे केन्द्र सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए रेलवे स्टेशनों पर भी खानपान इकाइयों से खाद्य पदार्थों की खरीद के लिए डिजिटल लेनदेन की व्यवस्था को प्रोत्साहित कर रहा है। साथ ही खाने और अन्य सामान और सेवाओं के पेमेंट के लिए भारतीय रेल ने यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए 596 ट्रेनों में 3081 पीओएस मशीनें ( उपलब्ध कराई हैं और 4316 स्टैटिक यूनिट्स पीओएस मशीनों के साथ उपलब्ध हैं। इस पहल से जैसे- ओवरचार्जिंग की शिकायतों भी दूर हो रही हैं।
ATVM मशीन से टिकट खरीदने की सुविधा
इतना ही नहीं रेलवे ने देश के कई बड़े और व्यस्त रेलवे स्टेशनों पर एटीवीएम यानि ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन लगाए हैं। एटीवीएम मशीन की मदद से यात्रियों को अब टिकट खरीदने के लिए घंटों लाइन में खड़े रहने की जरूरत नहीं पड़ती और खुद ही टिकट निकाल सकते हैं। इस एटीवीएम मशीन से टिकट खरीदने के लिए यात्रियों को 3 तरह का पेमेंट ऑप्शन मिलता है… वो चाहें तो इस मशीन से कैश, यूपीआई और स्मार्ट कार्ड से भुगतान करके टिकट खरीद सकते हैं।