डा. नम्रता आनंद को मिला माता सावित्री बाई फुले सम्मान

पटना, राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत समाज सेविका और शिक्षका डा. नम्रता आनंद को क्षिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये केशव माधव ट्रस्ट (रजि) ने माता सावित्री बाई फुले सम्मान से सम्मानित किया है।

शिक्षक दिवस 05 सितंबर के अवसर पर केशव माधव ट्रस्ट (रजि) ने डा: नम्रता आनंद को माता सावित्री बाई फुले सम्मान से सम्मानित किया है।डा. नम्रता आनंद ने यह सम्मान दिये जाने पर खुशी जाहिर की और इसके लिये केशव माधव ट्रस्ट (रजि)के प्रति आभार व्यक्त किया है।

उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फुले न केवल भारत की पहली अध्यापिका और पहली प्रधानाचार्या थीं, बल्कि वह सम्पूर्ण समाज के लिए एक आदर्श प्रेरणा स्त्रोत, प्रख्यात समाज सुधारक, जागरूक और प्रतिबद्ध कवयित्री, विचारशील चिन्‍तक, भारत के स्त्री आन्‍दोलन की अगुआ भी थीं। सावित्रीबाई फुले एक ऐसी ही शख्स है जिन्होंने स्त्री शिक्षा के लिए न केवल संधर्ष किया बल्कि पहली बार उनके लिए बालिका विद्यालय की भी स्थापना की। वह पहली महिला थी जो बालिकाओं की शिक्षिका भी थी और उनके विद्यालय की संस्थापक भी।

डा. नम्रता आनंद ने कहा, आज के ज़माने में महिला सशक्तिकरण इतना अधिक हुआ है तो इसका सबसे पहला श्रेय सावित्रीबाई फुले को जाता है।सावित्री बाई फुले ने 19वीं सदी में महिलाओं के अधिकारों, अशिक्षा, छुआछूत, सती प्रथा, बाल विवाह जैसी कुरीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई। सावित्री बाई फुले न केवल सामाजिक कार्यकर्ता शिक्षिका थीं बल्कि वे कोमल हृदय चेतनाशील, कवयित्री भी थीं।

सावित्रीबाई फुले ने अपने पति और सामाजिक क्रान्तिकारी नेता ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर लगातार एक के बाद एक बिना किसी आर्थिक मदद और सहारे के लड़कियों के लिए कई स्कूल खोलकर, सामाजिक क्रान्ति का बिगुल बजा दिया था।सावित्रीबाई फुले ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम किया ल्कि भारतीय स्त्री की दशा सुधारने के लिए उन्होंने ‘महिला मण्डल’ का गठन कर भारतीय महिला आन्दोलन की प्रथम अगुआ भी बन गईं। शिक्षक दिवस के अवसर पर माता सावित्री बाई फुले सम्मान मिलनामेरे लिये लिये गौरव की बात है।

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