मुजफ्फरपुर, ग्लोबल कायस्थ कान्फ्रेंस (जीकेसी) बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने कहा कि कुटीर उद्योग से महिला सशक्तीकरण को बल मिलेगा और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
समाजसेविका जानकी देवी की अध्यक्षता में ग्राम पंचायत राज शेखपुर के वार्ड संख्या 10 में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जीकेसी बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने ने महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने पर विस्तार से चर्चा की।महिलाओं के लिए कुटीर उद्योग से संबंधित प्रशिक्षण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।
डा. नम्रता आनंद ने कहा कि जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन की प्रेरणा से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार कदम उठाये जा रहे हैं। घरों में रहने वाली महिलाओं ने कुटीर उद्योगों से खुद को जोड़ लिया है। आज महिलायें घर बैठे ही पापड़, चिप्स, मोमबत्ती, अगरबत्ती, फूल माला, आदि बनाने का काम कर रही हैं। कुटीर उद्योगों के माध्यम से महिलाओ की दक्षता और काबिलियत पर मुहर लगाई जाती है। गांवो मे आज भी महिलाओ को पर्दे में रखा जाता है। आज भी उनकी सीमा घर की चार दवारी तक सीमित है। गांवो में लड़कियों और महिलाओ को ज्यादा शिक्षित भी नही किया जाता, और घर के काम मे निपुण कर, कम उम्र में ही उनकी शादी कर दी जाती है। कुटीर उद्योग पर्दे के भीतर भी रोजगार के अवसर देता है। अब महिलाएं घर बैठे भी कमा सकती है। गाव की महिलाएं सगंठित होकर कुटीर उद्योगो की शुरूआत कर सकती है। वे पापड़, राखियां, आचार , सिलाई , कढाई,नमकीन, मास्क जैसे कई छोटे-बड़े काम कर सकती है।
जानकी देवी ने कहा भारत की लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। कुटीर उद्योगों का विकास होगा तो महिलाएं सशक्त होंगी तथा उनकी आर्थिक, सामाजिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। जब महिलाएं कुटीर उद्योगों द्वारा आय अर्जित करती हैं तो वे स्वयं तो आत्मनिर्भर होती ही हैं, साथ ही उससे परिवार तथा समाज भी लाभान्वित होते हैं। महिलाओं के भीतर आत्मविश्वास पनपता है तथा उनमें स्वयं निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। उन्हें किसी दूसरे के सहारे की जरूरत नहीं होती, अपितु वे दूसरे को सहारा प्रदान करती हैं।
जीकेसी की राष्ट्रीय सचिव सुबाला वर्मा ने कहा कि महिलाएं प्रतिभाशाली एवं योग्य है। अतः महिला उद्यमियों के विकास की आवश्यकता है, जिससे वह देश के विकास में सकारात्मक भूमिका निभा सके। वर्तमान में महिलाएं न केवल कुटीर उद्योग बल्कि उद्योग के हर क्षेत्र मेँ अपना वर्चस्व स्थापित कर रही है।
महिलाओं द्वारा कुटीर उद्योग अपनाये जाने से उनके घरों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है और महिलाओं के आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी हुई है।
इस अवसर पर जीकेसी मुजफ्फरपुर के महासचिव अभय कुमार सिन्हा, युवा प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष अश्लोक कुमार, गार्गी श्रीवास्तव, सुमन कुमार वर्मा, समाजसेवी शिव कुमार साह, आशा देवी, चंद्रकला देवी, सुरेखा देवी, सविता देवी, रिंकू देवी, शीतल देवी, सरिता देवी, रानी कुमारी, चिंता देवी, शांति देवी, धनमंती देवी, चांदनी देवी, हेमंती देवी, मानेी देवी, आरती गुप्ता, रतिया देवी, सुमन देवी, मनिषा देवी, चंदेश्वरी देवी, प्रेम देवी, चांदनी कुमारी, लक्ष्मी देवी, किस्मत देवी, फूलमंती देवी, पिंकी कुमारी, संगीता देवी, रीता देवी, मालती देवी, कविता कुमारी, रीना देवी, रानी देवी, उषा देवी, गुड़िया देवी, मुन्नी देवी, विभा देवी, उषा देवी, माला देवी, रवीना देवी, फुलो देवी, गीता देवी, लक्ष्मी देवी, गायत्री देवी और जूली देवी समेत कई लोग मौजदू थे।