पटना। डीएम डॉ चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में डेंगू नियंत्रण के लिए निजी अस्पताल प्रबंधन के साथ जूम के माध्यम से बैठक की गई। इसमें स्वास्थ्य विशेषज्ञों, विभिन्न अस्पतालों के निदेशक, चिकित्सा अधीक्षक, ब्लड बैंक के प्रतिनिधि एवं अन्य ने भाग लिया।
बैठक में विशेषज्ञों ने बताया कि इस वर्ष डेंगू के मामले में जो वृद्धि हो रही है उसमें पैनिक होने की कोई आवश्यकता नहीं है। ट्रेंड के बारे में एक्सपर्टस ने बताया कि 2019 में भी इसी तरह डेंगू के मामले बढ़ रहे थे परन्तु इस वर्ष डेंगू से पीडि़त मरीजों में रिकवरी रेट अच्छा है। कम ही मरीजों को प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ रही है। एक्सपर्टस ने बताया कि मरीजों में प्लेटलेट की संख्या 10 हजार से कम होने अथवा रक्तश्राव के लक्षण दिखने पर ही विशेष परिस्थिति में प्लेटेलेस चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। लोगों को घबराने की एकदम आवश्यकता नहीं है।
प्राईवेट अस्पताल के चिकित्सकों ने यह भी बताया कि उनके यहाँ पर्याप्त मात्रा में बेड की उपलबधता है। आईसोलेटेड वार्ड की कोई आवश्यकता नहीं है। लगभग 25 प्रतिशत बेड डेंगू मरीजों के लिए उपयोग हो रहा है। आवश्यकता पडऩे पर इसे बढ़ाया भी जा रहा है। किसी भी मरीज को लौटाया नहीं जा रहा है। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि जिला में ब्लड बैंक अलर्ट पर है। प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं हैए मरीजों को असुविधा नहीं होगी। डीएम डॉ सिंह ने निदेश पर सिविल सर्जन द्वारा डेंगू नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। डीएम डा सिंह के निदेश पर नियंत्रण कक्ष में पंजी का संधारण किया जा रहा है जिसमें सभी सूचनाओं को अंकित करते हुए आम जनता को सभी सहायता उपलब्ध करायी जाएगी।
विशेषज्ञों द्वारा यह भी बताया गया कि दीपावली तक डेंगू की यही स्थिति रहने की संभावना है। दीपावली के पश्चात स्थिति में सुधार आएगा। डीएम डॉ सिंह ने कहा कि डेंगू संक्रमण के प्रबंधन में प्लेटलेट्स की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ब्लड बैंक कोषांग का गठन किया गया है। साथ ही प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के निदेशक, अधीक्षक एवं ब्लड बैंक हेतु नामित नोडल पदाधिकारियों से समन्वय के लिए दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। बैठक में पारस एचएमआरआई हॉस्पीटल, मेदान्ता, मेडिवर्सल, रूबन, नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज, कुर्जी होली फैमली एवं अन्य संस्थानों के निदेशक, अधीक्षक, प्रतिनिधि उपस्थित थे।