पटना, 22 अप्रैल अक्षय तृतीया के दिन शुभ काम और नई शुरूआत करने पर अक्षय फल की प्राप्ति होती है। अक्षय तृतीया पर सोना और सोने से बने आभूषण की खरीदारी करना बेहत ही शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया त्योहार मनाया जाता है।
अक्षय तृतीया का पर्व मांगलिक कार्यों को करने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में सोना-चांदी की खरीदारी करने से इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। अक्षय तृतीया को स्वयं सिद्धि मुहूर्त माना जाता है। अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्य करने पर व्यक्ति के जीवन में हमेशा सुख और सौभाग्य का वास होता है। इस दिन सोने-चांदी की चीजों को खरीदने पर व्यक्ति के जीवन में आर्थिक संपन्नता बनी रहती है।अक्षय तृतीया पर जितना शुभ खरीदारी का महत्व होता है उतना ही दान करने का भी महत्व होता है।
ऐसी मान्यता है कि अभय तृतीया के दिन दान करने से अच्छे कर्मों की कभी क्षय नहीं होती है। अक्षय तृतीया पर गंगा स्नान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन गंगा स्नान और दर्शन करने से व्यक्ति के सभी तरह के पाप मिट जाते हैं। अक्षय तृतीया पर पितृ श्राद्ध करने का भी विधान है। इस तिथि पर अपने पितर देवों के नाम से तर्पण करना बहुत शुभ होता है।अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान बद्रीनाथ के कपाट खोले जाते हैं। इस दिन से भक्त भगवान नारायण के दर्शन और पूजा कर पाते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है।इस दिन माता लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा का विधान है। अक्षय तृतीया के दिन देवी लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से भक्तों को सुख, सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है।
(डा. नम्रता आनंद)